Quote:
Originally Posted by malethia
क्या आन्दोलन और पर्दर्शन किसी समस्या का हल है आज तक कितने आन्दोलन कामयब हुए, यदि हम बात करे गाँधी जैसे लोगो की तो सीधी सी बात है उस समय आज जैसी छिछोली राजनीति नहीं थी !
अन्ना हजारे ने आन्दोलन किया ,क्या हुआ कुछ नहीं .......
Delhi सहित पूरे देश में प्रदर्शन जारी है ,किसी के कान पर भी जूँ तक नहीं रेंगी !
कल समाचार पढकर और भी दुःख हुआ की शांतिप्रिय प्रदर्शन को nsui ने हिंसक रूप दिया और जनता को दिखने के लिए सोनिया गाँधी ने अपने ही लोगो से बातचीत शुरू कर दी !
आज हमारे मूक प्रधानमन्त्री जी ने भाषण दिया और सोनिया जी से पूछा क्या ठीक है .........
हमारे गृह मंत्री जी अलग ही राग अलापते है .............
मैं तो सिर्फ ये कह सकता हूँ की इस देश में नाम का ही लोकतंत्र है ,बाकी होने वाला कुछ नहीं है !
मैंने आज सुबह ही एक चुटकुला पढ़ा था की गैंग रेप जैसे काण्ड महात्मा गांधी के समय होते तो शायद गांधी जी के चार बन्दर होते ,जिसमें एक का हाथ मुंह पर ,दुसरे का कान पर ,तीसरे का आँखों पर और चौथे का ...........
|
मुझे क्षमा करें, मलेठियाजी। मैं आपसे सहमत नहीं हूं। इस समय राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर जो हुजूम आप देख रहे हैं, वही ... हां, ठीक वही अन्ना के आन्दोलन की एक बड़ी उपलब्धि है। क्या आपने अन्ना के आन्दोलन से पहले किसी भी मुद्दे पर ऐसा जन समुदाय एकत्र होते हुए कभी देखा था? समाज में इस जागृति के लिए मैं आदरणीय अन्ना हजारे को सलाम करता हूं। जेपी के बाद एक उन्हीं में मुझे गांधी की छवि दिखी है और यह हिन्दुस्तान को बदल कर रहेगी, ऐसा मेरा मानना है।