राजस्थान भाजपा के मतभेद सड़कों पर
कांग्रेस घर में ही उलझी रही
राजनीतिक गलियारों में आम तौर पर शान्ति प्रिय माने जाने वाले राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के आन्तरिक मतभेद खुलकर सड़कों पर नजर आये वहीं कांग्रेस में ‘नाराजगी भरे शब्दबाण’ घर में ही चले। अन्य राजनीतिक दलों में मनमुटाव सुनायी नहीं दिया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी और नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के बीच चल रही कशमकश, पूर्व गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की यात्रा को लेकर राजे समर्थक विधायकों का शक्ति प्रदर्शन लक्ष्मण रेखा लांघकर कई दिनों तक सड़कों पर नजर आया। कांग्रेस और भाजपा को छोड़कर अन्य विपक्षी दलों माकपा समेत अन्य दल जनता दल यू, बहुजन समाज पार्टी में पार्टी स्तर पर आरोप-प्रत्यारोप या नाराजगी के मुद्दे सुनाई नहीं दिये। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा ‘किसी विषय को लेकर एक दूसरे के बीच वैचारिक मतभेद हो सकते हैं वह भी बाहर नहीं जाने चाहिए। बातचीत के माध्यम से समस्या का समाधान निकाला जा सकता है, पर यह प्रक्रिया समाप्त सी हो गई है। मतभेद सड़क पर आने से पार्टी का ही नुकसान होता है।’ पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की मेवाड़ अंचल में प्रस्तावित यात्रा को रद्द करवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के समर्थक विधायकों की चेतावनी से जनसंघ के जमाने से जुडे नेता और आलाकमान सकते में आ गये थे। भाजपा के दिग्गजों के हस्तक्षेप के बाद कटारिया ने पार्टी हित में अपनी प्रस्तावित यात्रा रदद् करने की घोषणा की। हांलाकि इस मुद्दे को लेकर पहले से दो खेमों में बंटी नजर आ रहीं पार्टी के दोनों धडे अलग अलग अवसरों पर एक दूसरे को ताल ठोंकते नजर आए। भाजपा का एक गुट आलाकमान से नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे को आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश कर चुनाव लड़ने की घोषणा और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने व्यक्ति को बैठाने को लेकर दवाब बनाए हुए है। दूसरी ओर पार्टी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे पार्टीजन इसके विरोध में बताये जाते है। सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में मुख्य सरकारी सचेतक डॉ. रघु शर्मा और सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह के बीच मनरेगा को लेकर आरोप प्रत्यारोप, विधायक कर्नल सोनाराम की पूरे समय अपनी ही सरकार के खिलाफ बयानबाजी, प्रतिनिधि सम्मेलन में पूर्व विधायक संयम लोढा का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कथित आरोप, संसदीय सचिव राजेन्द्र सिंह विधूड़ी और कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों द्वारा दिल्ली दरबार में दौरे चर्चा में रहे। कांग्रेस के कुछ नाराज विधायक इच्छानुसार स्थानान्तरण नहीं होने, पार्टी में बाहर से आये विधायकों को लाल बत्ती देने को लेकर लामबंदी में व्यस्त हैं, लेकिन विधानसभा चुनाव नजदीक देखकर अपने पांव पीछे खीच लिए है। पार्टी के एक प्रदेश पदाधिकारी ने विधायकों की किसी तरह की नाराजगी से इंकार करते हुए कहा जिनके काम हो रहे हैं वे बोलते नहीं हैं। यदि किसी की शिकायत है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। घर में ही लोग अपनी बात कह रहे हैं और सुझाव दे रहे हैं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती जयपुर नगर निगम की महापौर ज्योति खंडेलवाल सरकार और संगठन के लिए परेशानी बनी रहीं। महापौर ने निगम के कार्यकारी अधिकारी एवं कुछ वरिष्ठ अधिकारियों पर कथित भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर हटाने की मांग को लेकर धरना तक दिया। महापौर ने कथित भ्रष्ट अधिकारियों की सूची उच्चतम न्यायालय भेजने का ऐलान कर संगठन और सरकार को सकते में डाल दिया।