28-12-2012, 08:30 PM
|
#30
|
VIP Member
Join Date: May 2011
Location: churu
Posts: 122,463
Rep Power: 245
|
Re: श्रीमद् भगवद् गीता
तस्मान्नार्हा वयं हन्तुं धार्तराष्ट्रान्स्वबान्धवान्।
स्वजनं हि कथं हत्वा सुखिनः स्याम माधव ॥३७॥
इस लिए हे माधव ! अपने ही बान्धव धृतराष्ट्रके पुत्रोंको मारनेके लिये हम योग्य नहीं हैं; क्योंकि अपने ही स्वजनोंको मारकर हम कैसे सुखी होंगे ?
|
|
|