राजस्थान : दारिया फर्जी मुठभेड, भंवरी देवी मामलों के उतार चढाव में बीता साल
राजस्थान में बीते साल अदालतों में चल रहे दारा सिंह उर्फ दारिया फर्जी मुठभेड़, नर्स भंवरी देवी हत्याकांड प्रकरण की सुनवाई में आ रहे उतार चढाव से प्रदेश की राजनीति में नित दिन उतार चढाव आते रहे, वहीं पाकिस्तानी जीव वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती प्रकरण तथा वनस्थली विद्यापीठ में छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म घटना के कारण राजस्थान सुर्खियों में रहा। दूसरी ओर राजस्थान सरकार द्वारा भारत रत्न की तर्ज पर पहली बार प्रदेश की सात विभूतियों को राजस्थान रत्न से नवाजा जाना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना, भ्रष्ट तरीके से अर्जित सम्पति जब्त करने का कानून और समाचार पत्रों में नियमित रूप से बीस साल तक काम कर चुके बासठ वर्षीय पत्रकारों को पांच हजार रूपये महीने की मदद देने की घोषणा बरसों तलक याद रहेगी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल के ताजा फेरबदल मेंं लाल चंद कटारिया और चन्द्रेश कुमारी के शामिल होने से केन्द्र में राजस्थान का प्रतिनिधित्व बढना सुकून भरा रहा। कटारिया, विभाग वितरण और हत्याकांड में कथित संलिप्तता मुद्दे को लेकर चर्चा में रहे। कटारिया को कई दिन तक इसके लिए सफाई देनी पड़ी। नर्स भंवरी देवी हत्या कांड और दारिया फर्जी मुठभेड प्रकरण में कांग्रेस के दो और भाजपा के एक विधायक की संलिप्तता का चालान अदालत में पेश करने से साफ सुथरी और शान्त राजनीतिक गतिविधियों के लिए ख्यात राजस्थान को शर्मशार होना पड़ा। नर्स भंवरी देवी और आरोपी पूर्व काबीना मंत्री महिपाल मदेरणा की अश्लील सीडी के सम्पादित अंश यू ट्यूब समेत अन्य सोशल साइट पर कई महीने तक छाये रहने से राजस्थान की छवि को खासा नुकसान पहुंचा।
केन्द्रीय जांच ब्यूरो की ओर से अदालतों में पेश चालान में नर्स भंवरी देवी प्रकरण में राज्य के पूर्व काबीना मंत्री और मौजूदा विधायक महिपाल मदेरणा, कांगे्रस विधायक मलखान सिंह, दारिया कथित फर्जी मुठभेड़ प्रकरण में भाजपा के तेजतर्रार विधायक राजेन्द्र सिंह राठौड़ का नाम अन्य आरोपियों के साथ शामिल हैं। राज्य के पूर्व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महिपाल मदेरणा, कांगे्रस विधायक मलखान सिंह जेल में हैं, जबकि दारिया कथित फर्जी मुठभेड प्रकरण में राजस्थान के पूर्व काबीना मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक राजेन्द्र सिंह राठौड़ को कई दिन तक जेल में रहना पड़ा। प्रदेश में घटी इन दो घटनाओं में तीन निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की कथित संलिप्तता की वजह से प्रदेश की राजनीति का एक नया चेहरा सामने आया। हालांकि जयपुर की एक अदालत ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो की ओर से भाजपा विधायक राजेन्द्र राठौड़ को दारिया कथित फर्जी मुठभेड़ में आरोपित करने को खारिज कर चुकी है पर यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। बुजुर्ग पाकिस्तानी जीव वैज्ञानिक मोहम्मद खलील चिश्ती को अजमेर की एक अदालत द्वारा हत्या के जुर्म में दी गई सजा, स्वयंसेवी संगठनों द्वारा मानवीयता के आधार पर सजा में माफी की मांग, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जमानत स्वीकार कर पाकिस्तान जाने की अनुमति देना और पिछले दिनों आरोप से बरी करने का मामला देश में ही नहीं, विदेश में भी सुर्खियों में रहा।
बीते साल दारिया कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में राजस्थान के निलम्बित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरविन्द कुमार जैन की कई महीनों की लुकाछिपी के बाद अदालत में आत्मसमर्पण (जैन अभी न्यायिक हिरासत में जेल में है) जयपुर की एक अदालत द्वारा राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री राज कुमार शर्मा, भाजपा विधायक हनुमान बेनीवाल को रास्ता रोकने के जुर्म में तीन साल की कैद को लेकर राजनीतिक गलियारों में फिर उबाल आ गया। कोटा की दो अलग अलग अदालत में रास्ता रोकने के जुर्म में आरोपी भाजपा विधायक भवानी सिंह राजावत, ओम बिडला का आत्मसमर्पण, एक अदालत द्वारा पूर्व विधायक रणवीर सिंह गुढा को हमले के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेजना चर्चा में रहे। टोंक जिले के निवाई कस्बे में स्थित लड़कियों के वनस्थली विद्यापीठ में एक छात्रा के साथ कथित दुष्कर्म को लेकर कई दिनों तक मचा बबाल, राज्य के पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया की यात्रा को लेकर राजस्थान की नेता प्रतिपक्ष वसुंधरा राजे के समर्थक विघायकों की पार्टी छोडने की घुड़की, राजे-भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा अरूण चतुर्वेदी के बीच मतभेद जगजाहिर हुए। कांगे्रस विधायक सोना राम, संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र सिंह विधूड़ी, मुख्य सरकारी सचेतक डा रघु शर्मा, कांगे्रस के पूर्व विधायक डा संयम लोढा और कांगे्रस के कुछ विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष डा. चन्द्रभान पर आरोपों के तीर चलते रहे। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए संस्कृति, धरोहर, लोककला, लोकगायकी और साहित्य के क्षेत्र की राज्य की सात विभूतियों को राजस्थान रत्न से सम्मानित करने का सिलसिला इसी साल शुरू किया गया। राज्यपाल मार्गेट आल्वा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लक्ष्मी कुमारी चूंडावत, विजय दान देथा और विश्वमोहन भट्ट को यह सम्मान प्रदान किया। चार विभूतियों कोमल कोठारी, कन्हैया लाल सेठिया, अल्लाह जिलाई बाई और जगत सिंह को मरणोपरांत राजस्थान रत्न से नवाजा गया।