Re: ।।हंसीले कटीले व्यंग्य।।
लालू जी तुम चारा
हम पानी
जेल के अंदर मोबाइल पर हुक्मे चले ऐलानी
वो ही डंडे हैँ मुसटंडे
वो ही मच्छरदानी
वो ही लटेँ वो ही स्टाइल
वो ही अदा पुरानी ।
वो ही चमचे वो ही कुर्सी
कुर्सी पर महारानी
लालटेन की क्या गाथा है जग भर ने पहचानी ।
दस बच्चोँ की टीम हमारी बीवी की कप्तानी ।
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."
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