11-01-2013, 03:56 PM
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Re: सफलता की सीढ़ी।
बड़ा लक्ष्य पाना है, तो पहले छोटा लक्ष्य तय करें
साधारणत : लोगों को जब जिंदगी का लक्ष्य तय करना होता है, तो वे सीधे बड़ा लक्ष्य तय करते हैं. बड़ा लक्ष्य तय करना गलत नहीं, लेकिन उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पहले आपको छोटे-छोटे लक्ष्य प्राप्त करने होंगे. अगर आप इन छोटे लक्ष्यों को इग्नोर कर सीधे बड़े लक्ष्य तक पहुंचना चाहेंगे, तो पहुंचना आसान न होगा.
एक बहुत ही महात्वाकांक्षी राजा था. वह हमेशा अपने से बड़े और शक्तिशाली राजाओं के खिलाफ युद्ध कर रहा था. वह उनके मुख्य भवनों पर आक्रमण करके उन्हें जीतना चाहता था, लेकिन जीत नहीं पा रहा था.
एक बार वह युद्ध में विजय पाने की नीति बनाते हुए घूमते-घूमते दूर निकल गया. वहां उसे भूख लगी. आसपास देखने पर एक झोपड़ी दिखायी दी. राजा उस झोपड़ी में गया, झोपड़ी में एक बुढ़िया रहती थी. राजा बहुत भूखा था, अत: उसने भोजन की याचना की.
बुढ़िया ने राजा को सिपाही समझा. बुढ़िया ने उसके लिए चावल तैयार किये और पत्तल पर रख कर उसे दिया. राजा बहुत भूखा था. इसलिए उसने जल्दी-जल्दी में चावल के बीच हाथ डाल दिया. गर्म चावल के कारण उसकी उंगलियां जल उठीं. राजा ने तुरंत हाथ खींचा और उंगलियों को फूंक मारने लगा.
यह देख कर बुढ़िया जोर से हंसने लगी. उसने कहा-सिपाही तेरी शक्ल राजा से बहुत मिलती है और लगता है कि तू भी राजा की ही तरह मूर्ख भी है. बुढ़िया की बात सुन कर राजा को आश्चर्य हुआ. उसने कहा-भला राजा ने ऐसी कौन-सी मूर्खता की है, जो उन पर हंस रही है और मैंने ऐसी क्या मूर्खता की है, जो राजा से मिलती-जुलती है?
बुढ़िया ने कहा-तूने किनारे-किनारे ले कर थोड़ा-थोड़ा चावल खाने की जगह बीच के चावलों पर हाथ मारा और उंगलियां जली ली. इसलिए मैंने तुझे मूर्ख कहा. राजा भी इसी तरह की मूर्खता करता है.
वह भी दूर किनारों पर बसे छोटे-छोटे किलों पर हमला करने की जगह बड़े किलों पर हमला करता है और मात खाता है. राजा को अपनी असफलता का कारण समझ आ गया था. उसने अपनी गलती सुधारी और विजय रथ पर चल पड़ा.
बात पते की
- लक्ष्य तय करें, तो फोकस जरूर बड़े लक्ष्य की तरफ हो, लेकिन उसे पाने के लिए छोटे-छोटे लक्ष्य पहले तय करें.
- छोटे-छोटे लक्ष्यों को इग्नोर कर आप बड़ा लक्ष्य तय नहीं कर सकते.
- सौरभ सुमन -
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