Re: लाल बहादुर शास्त्री और आधुनिक जनप्रतिनि
आजादी के बाद लाल बहादुर शास्त्री
आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में गोविंद वल्लभ पंत जब मुख्यमंत्री बने तो लाल बहादुर शास्त्री को उत्तर प्रदेश का गृहमंत्री बना दिया गया. नाटे कद व कोमल स्वभाव वाले शास्त्री को देखकर किसी को कल्पना भी नहीं थी कि वह कभी भारत के दूसरे सबसे सफल प्रधानमंत्री बनेंगे.
साल 1951 में लालबहादुर शास्त्री को बहुत ही महत्वपूर्ण “रेल मंत्रालय” का दायित्व मिला. वर्ष 1954 में इलाहाबाद में महाकुंभ मेला लगा. करीब 20 लाख तीर्थयात्रियों के लिए व्यवस्था की गई. नेहरू जी ने खुद जायजा लिया ताकि कोई दुर्घटना न हो जाए.
दुर्भाग्यवश मौनी अमावस्या स्नान के दौरान बरसात होने के फलस्वरूप बांध पर फिसलन होने से प्रात: 8.00 बजे दुर्घटना हो ही गई. सरकारी आंकड़ों ने 357 मृत व 1280 को घायल बताया, परंतु ग्राम सेवादल कैंप जिसकी देखरेख मृदुला साराभाई व इंदिरा गांधी कर रही थीं, की गणना के अनुसार यह संख्या दोगुनी थी. दुर्घटना पर जांच कमीशन बैठा. उसने डेढ़ वर्ष बाद रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार और रेल अव्यवस्था को दोषी करार दिया. 1956 के मध्य में भी कुछ और रेल दुर्घटनाएं हो गईं. इसलिए नैतिकता के आधार पर शास्त्रीजी ने नैतिक दायित्व मानते हुए रेलमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया.
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