Re: मेरी पसंद : गीत गजल कविता
भले ही अपनी नज़रों में,औरों के बाद रखना तुम.
भूल जाना मेरी हस्ती को, मत याद रखना तुम.
बस एक इल्तिजा है मेरी,तुम से रुखसत होते-होते,
होंठों पे मुस्कराहट की दौलत,आबाद रखना तुम.
हम तो किस्मत के मारे है,आज यहाँ और कल कहा,
बस मुहब्बत ना मिटे दिल से,येही फ़रियाद रखना तुम.
हर एक उम्मीद इंसान की, कभी होती कहा है पूरी,
बिछड़ के फिर कभी ना मिलने का,मुराद रखना तुम.
माना की बहूत दर्द दिया है, हमको दुनिया वालों ने,
पर आँखे नम ना करना दिल को सदा,फौलाद रखना तुम.
कल का हाल तो कल जाने,पर आज ये मेरी ख्वाहिस है,
जहा भी रहना नाम वफ़ा का, जिंदाबाद रखना तुम.
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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