Re: कुम्भ : कुछ अलग रंग
तकनीक के ज़माने में ये बाबा फेसबुक से कैसे पीछे रहते. हमारे सहयोगी सुशील झा के साथ गपियाते 'फेसबुक बाबा'
__________________
मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
|