Re: देशभक्ति गीत
दिल से निकलेगी ना मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुश्बू-ए-वतन आयेगी
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२
सुनाई थी जो बचपन में वो ही लोरी सुना दे माँ
तू अपनी गोद में अब चैन से मुझ को सुला दे माँ
तेरे चरणों में सब कुछ हम लुटाने से नहीं डरते
देस मेरे देस मेरे मेरी जान है तू -२
देस मेरे देस मेरे मेरी शान है तू -२
मिटाने से नहीं मिटते डराने से नहीं डरते
वतन के नाम पे हम सर कटाने से नहीं डरते
हज़ारों ख़्वाब रोशन हैं सुलगती सी निगाहों में
क़फ़न हम बाँध के निकले हैं आज़ादी की राहों में
निशाने पे जो रहते हैं निशाने से नहीं डरते
हमारी एक मन्ज़िल है हमारा एक नारा है
धरम से जात से ज्यादा हमें ये मुल्क़ प्यारा है
हम इस पे ज़िन्दगी अपनी लुटाने से नहीं डरते
क़सम तुम को वतन वालों कभी मायूस मत होना
मनाना जश्न-ए-आज़ादी न मेरे वास्ते रोना
निगाहें मौत से भी हम मिलाने से नहीं डरते
__________________
हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है कृपया हिंदी में लेखन व् वार्तालाप करे ! हिंदी लिखने के लिए मुझे क्लिक करें!
|