View Single Post
Old 28-01-2013, 11:12 PM   #8
rajnish manga
Super Moderator
 
rajnish manga's Avatar
 
Join Date: Aug 2012
Location: Faridabad, Haryana, India
Posts: 13,293
Rep Power: 241
rajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond reputerajnish manga has a reputation beyond repute
Default Re: India Needs To Change in 2013

जय भारद्वाज जी ने एक बेहद विचारणीय विषय हम सबके सामने रखा है. देशद्रोह और फांसी की सजा के मामले पर सरकारी तथा न्यायिक स्तर पर विचार विमर्श चल रहा है और देश द्रोह के जितने भी मामले पिछले कुछ महीनों में सामने आये हैं उसने it क़ानून की धाराओं में व्यापक संशोधन की आवश्यकता महसूस की जा रही है.

गंगा-यमुना जैसी देश की पवित्र नदियों की जो दुर्दशा की गई है उससे सभी देश वासियों का सर शर्म से झुक जाना चाहिए. हम सफ़ाई करने के नाम पर ऐक्शन प्लान बना कर हज़ारों करोड़ रूपए खर्च कर सकते हैं लेकिन उन स्थितियों पर रोक नहीं लगा पा रहे जो इस सबके लिए उत्तरदायी हैं. नदी के मार्ग पर बसे हर शहर के नालों-सीवरों की और औद्योगिक इकाइयों की गन्दगी बड़ी बेशर्मी से, बिना कानूनी दखल के इन नदियों में फेंकी जा रही है. इनमें धार्मिक कर्मकांड और रीति-रिवाज और पाखण्ड से पैदा होने वाले कूड़े कचरे को भी शामिल कर सकते हैं. यह एक सामूहिक दुष्कर्म नहीं तो और क्या है? इस काम में तो स्थानीय निकाय और एड्मिनिस्ट्रेशन भी बराबर के दोषी है. जब तक सरकार इसे रोकने के लिए भी कड़े से कड़े कदम नहीं उठाएगी और दोषियों को सख्त से सख्त सजा नहीं दी जायेगी तब तक दिखावे और ढकोसलेबाजी यूं ही चलती रहेगी. पवित्र नदियों की बे-हुर्मती होती रहेगी. कानून तो हैं परन्तु उन्हें ईमानदारी से और तत्काल पभाव से लागू करने की घोर आवश्यकता है.
यदि हम समय रहते नहीं चेते तो वह समय दूर नहीं जब देश की सभी छोटी बड़ी नदियां गंदे नालों में तब्दील हो जायेंगी. और तो और, जिन नदियों के किनारे प्राचीन काल से सभ्यताऐं बसती रहीं हैं, और जिनका हमें गर्व है, उन्हीं के किनारे बैठ कर कहीं हमें उन्हीं महान सभ्यतायों का विसर्जन न देखना पड़े.

Last edited by rajnish manga; 28-01-2013 at 11:14 PM.
rajnish manga is offline   Reply With Quote