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Dark Saint Alaick
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सॉलिसिटर जनरल पद से रोहिंटन नरीमन का इस्तीफा

नई दिल्ली। वरिष्ठ अधिवक्ता रोहिंटन नरीमन ने भारत के सॉलिसिटर जनरल पद से इस्तीफा दे दिया है । ऐसी अफवाह है कि उन्होंने कानून मंत्री अश्विनी कुमार से मतभेदों के कारण यह कदम उठाया है। छप्पन वर्षीय नरीमन को 23 जुलाई 2011 को देश के दूसरे सबसे वरिष्ठ विधि अधिकारी के रूप में सॉलिसिटर जनरल पद पर नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपना त्यागपत्र प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास भेजा है और इसकी एक प्रति कानून मंत्री को भेजी है। सूत्रों ने बताया कि नरीमन ने अपने त्यागपत्र में पद छोड़ने का कोई कारण नहीं बताया है। ऐसी अटकलें हैं कि नरीमन कानून मंत्री अश्विनी कुमार तथा मंत्रालय के कुछ निर्देशों को लेकर खुश नहीं थे । माना जाता है कि वह सरकार की ओर से अपने पास पहुंच रहे कुछ निर्देशों के तरीके को लेकर भी अप्रसन्न थे। जब कुमार से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं अपने सहयोगी के प्रति शुभकामना व्यक्त करता हूं।’ मंत्री ने इस्तीफे के मुद्दे पर ज्यादा कुछ बोलने से इन्कार कर दिया । आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पद से इस्तीफा देना किसी व्यक्ति का खुद का फैसला होता है। रोहिंटन नरिमन को चौदह जुलाई 2011 को तत्कालीन सॉलिसिटर जनरल एस. जी. गोपाल सुब्रमण्यम के इस्तीफा देने के बाद इस पद पर नियुक्त किया गया था। सुब्रमण्यम ने 2 जी स्पेक्ट्रम से संबंधित मामले में उनकी जानकारी के बिना ही उच्चतम न्यायालय में दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल के प्रतिनिधि के रूप में नरीमन को विशेष अधिवक्ता के रूप में नियुक्त किए जाने के कारण सालिसीटर जनरल के पद से इस्तीफा दिया था। नरीमन प्रख्यात न्यायविद फली एस नरीमन के पुत्र हैं। वह मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडिया लिमिटेड के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे के साथ मिलकर जिरह कर चुके हैं। यह मामला अंबानी बंधुओं के बीच केजी बेसिन से गैस की आपूर्ति तथा कीमत निर्धारण को लेकर पैदा हुए विवाद से संबंधित था। नरीमन को 1993 में 37 साल की उम्र में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाया गया था। उस समय भारत के प्रधान न्यायाधीश एम एन वेंकटचलैय्या ने नियमों में संशोधन करते हुए किसी वकील को वरिष्ठ अधिवक्ता बनाए जाने के लिए 45 साल की न्यूनतम आयु सीमा को कम कर दिया था। वह दिल्ली विश्वविद्यालय के कैम्पस लॉ सेंटर से एलएलबी करने के बाद 1974 में अधिवक्ता के रूप में बार से जुड़े। लॉ सेंटर में वह शीर्ष स्थान हासिल करने वाले छात्रों में शामिल थे। वह आगे की पढाई करने के लिए हार्वर्ड भी गए थे।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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