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विदेशी चंदा मामले में जनहित याचिका पर भाजपा, कांर्ग्रेस को अदालत का नोटिस
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस और भाजपा पर विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करते हुुए विदेशों से चंदा स्वीकार करने के आरोपों में दायर जनहित याचिका पर आज दोनों दलों से जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर की खंडपीठ ने कांग्रेस और भाजपा को नोटिस जारी किया और कथित तौर पर ब्रिटेन स्थित वेदांता समूह की सहायक कंपनियों से कथित तौर पर चंदा स्वीकार करने की सीबीआई या एसआईर्टी जांच के निर्देश के लिये दायर याचिका पर जवाब मांगा। पीठ ने अतिरिक्त सालिसिटर जनरल (एएसजी) राजीव मेहरा की दलील को स्वीकार कर लिया कि केंद्र ने इस विषय में चुनाव आयोग के पत्र पर शिकायत की जांच कर रहा है लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं किया गया है। पीठ ने सरकारी वकील को भी तीन सप्ताह में हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। न्यायालय इस मामले में अब 19 मार्च को आगे सुनवाई करेगा। अदालत ने इससे पूर्व गृह मंत्रालय और चुनाव आयोग से यह कहते हुए प्रतिक्रिया मांगी थी कि वह इनके जवाब देखने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी को प्रतिक्रिया देखने को कहेगी। अपनी प्रतिक्रिया में चुनाव आयोग ने कहा कि उसने दो बार गृह मंत्रालय को लिखा लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। चुनाव आयोग ने 28 सितंबर 2012 को गृह मंत्रालय को लिखा और आयोग की शिकायतों को आगे बढाया कि कुछ राजनीतिक दलों ने विदेशों से धन प्राप्त किया। भारतीय चुनाव आयोग के सचिव आशीष चक्रवर्ती ने अपने जवाब में कहा, आयोग ने शिकायत के साथ 2003..04 के बाद से प्राप्त चंदे की रिपोर्ट को आगे बढाया और मंत्रालय से इस मामले की जांच करने और आगे कारर्वाई करने को कहा। अदालत वकील प्रशांत भूषण द्वारा स्वयंसेवी संस्था एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें कांग्रेस और भाजपा पर वेदांता रिसोर्सेज से कथित तौर पर विभिन्न कानूनों का उल्लंघन करते हुए चंदा प्राप्त करने के आरोपों की सुनवाई की जा रही है। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि दो राजनीतिक दलों ने जनप्रतिनिधित्व कानून (आरपीए) और विदेशी चंदा (नियमन) अधिनियम :एफसीआरए: का उल्लंघन किया । याचिकाकर्ता ने केंंद्र सरकार को राजनीतिक दलों और कारपोरेट घरानों को आयकर में छूट दिये जाने को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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