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Old 03-12-2010, 05:16 PM   #23
Hamsafar+
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Default Re: *****दहेज़ प्रथा एक अभिशाप*****

बेटी हमेशा पराया धन मानी जाती है , वो इसलिए की वह अपने घर जिसे मायका कहते है हमेशा नहीं रहती , उसे एक दिन व्याह के बाद दुसरे घर जाना पड़ता है, जब बेटी विदा होकर अपने ससुराल जाती है तब एषा कोन सा पिता होगा जो अपनी बेटी को खाली हाथ विदा करेगा , जैसे वह अपने पुत्रों के लिए करता है उसके लिए भी करता है, रही बात देने की तो पिता अपनी बेटी की गृहस्थी के लिए हर संभव वो चीज़ें देता है जो जरूरी होती है, आप यदि बेटी के पिता हैं तो अपने अंतर्मन को टटोले. ये तो हुयी देने की प्रक्रिया .
हाँ समस्या यहाँ है जब वर पक्ष लालची हो और वह वधु पक्ष को जबरन डिमांड के लिए प्रेरित करे, ये गलत ही नहीं घनघोर पाप है . हमें इसका विरोध करना चाहिए और ऐसे लोगों का वहिष्कार! वैसे दहेज़ के लिए कानून भी है. पर जिसके जिगर का टुकड़ा जब घर से विदा होती है. तब कोई पिता नहीं चाहेगा की उसकी बेटी किसी भी कारन से परेशान रहे. इसलिए वह सब कुछ करता है. क्यों करता है. जब आप उस जगह हों तब खुद दिल पर हाथ रख कर कहें. इसलिए ........
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