Re: !! गीत सुधियोँ के !!
सुधियाँ मधुर मधुर
ही होती हैँ
यह कहना बहुत सरल है । खुशियोँ की बस्ती मे किलकारी है
दुख के गलियारे हैँ
दुख के गलियारोँ मेँ उलझे बड़े बड़े हिम्मत हारे हैँ
सुख मेँ जितना सुख का सम्बल उससे ज्यादा
दुख का छल है ।
सुधियाँ मधूर मधूर
ही होती हैँ
यह कहना बहुत सरल है।
डूब डूब कर उभर उभर जाना ही जीवन की परिभाषा
अभिलाषा के बीच हताशा और हताशा मेँ प्रत्याशा
लहरोँ के ऊपर अनन्त नभ आंचल मे अज्ञात अतल है।
सुधियाँ मधुर मधुर
ही होती हैँ
यह कहना बहुत सरल है। अपने मे खो जाना ही तो कभी किसी का हो जाना है सब कुछ पा लेने की धुन मेँ अपना सब कुछ खो जाना है कैसे कहेँ कि पाना खोना यह अमृत है या कि गरल है ।
सुधियाँ मधुर मधुर
ही होती हैँ
यह कहना बहुत सरल है।
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Disclaimer......! "फोरम पर मेरे द्वारा दी गयी सभी प्रविष्टियों में मेरे निजी विचार नहीं हैं.....! ये सब कॉपी पेस्ट का कमाल है..."
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