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इस्राइली राजनयिक पर हमले के मामले में ईरान सहित पांच देशों से फिर किया गया अनुरोध
नई दिल्ली। इस्राइली राजनयिक पर हुए हमले के एक साल बाद भी जांच को आगे बढा पाने में खुद को नाकाम पा रही दिल्ली पुलिस ने ईरान सहित पांच देशों को पत्र लिखकर उनसे फिर से अनुरोध किया है कि वे इस हमले की साजिश से पर्दा हटाने में जरूरी सहयोग करें । आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अनुरोध-पत्र :लेटर्स रोगेटरी: पर कार्रवाई के लिए ईरान को फिर से पत्र लिखा गया है क्योंकि जांच के दौरान ऐसे संकेत मिले कि हमले में ईरान के नगारिक भी शामिल थे । गौरतलब है कि इसा्रइली राजनयिक पर हुआ हमला भारत में आतंकवाद के इतिहास की ऐसी पहली घटना थी जिसमें इस देश की सरजमीं को किसी संदिग्ध आतंकवादी संगठन ने किसी विदेशी नागरिक पर हमले के लिए इस्तेमाल किया हो । ईरान के अलावा इस्राइल, थाइलैंड, मलेशिया और जॉर्जिया को भी फिर से पत्र भेजा गया है । सूत्रों ने कहा कि इन देशों से दिल्ली पुलिस इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज हासिल करना चाहती है। इस मामले की जांच इसलिए भी आगे नहीं बढ पा रही है क्योंकि ईरान इस मामले में आरोपित अपने चार नागरिकों को भारत के हवाले नहीं कर रहा है । उर्दू पत्रकार सैयद मोहम्मद अहमद काजमी को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था । उन पर बम हमले की इस वारदात की बड़ी साजिश में शामिल होने का आरोप है । बहरहाल, काजमी तो अब उच्चतम न्यायालय की ओर से दी गयी जमानत पर रिहा कर दिए गए हैं लेकिन मुख्य हमलावर और ईरानी नागरिक हुशांग अफशर हमले को अंजाम देने के बाद मलेशिया के रास्ते ईरान भाग गया था जिसकी वजह से जांच में बाधा आ रही है । दिल्ली पुलिस ने इस मामले में दो आरोप-पत्र दायर किए हैं जिसमें ईरान के चार नागरिकों और काजमी को आरोपी बनाया गया है । गौरतलब है कि 13 फरवरी 2012 को इस्राइली राजनयिक ताल येशुआ की कार पर बम हमला हुआ था जिसमें वह जख्मी हो गए थे । प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास से महज 500 मीटर की दूरी पर इस हमले को अंजाम दिया गया था ।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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