मुहब्बत ही न जो समझे वो जालिम...
तलत महमूद को जन्म दिवस पर आदरांजलि
मुहब्बत ही न जो समझे वो जालिम...
हिंदी फिल्मी दुनिया में कई अजर अमर गायक आए जिन्होंने अपनी आवाज से लाखों करोड़ों दिलों पर राज किया। ऐसे ही एक गायक तलत महमूद जिनको मखमली (रेशमी) आवाज का जादूगर कहा जाता था। यह कहना गलत नहीं है कि भगवान ने इंसान को दिल दिया और इस दिल को रुलाने-तड़पाने के लिए तलत महमूद नामक मुलायम हथियार जमीन पर भेज दिया। दर्द महमूद के गीतों की आत्मा है। परम सुख और दिली खुशियों से महमूद का दूर का रिश्ता तक नहीं था। अपार दुख और व्यथा उनके गीतों का स्थाई भाव रहा है। गजल गायक के रूप कॅरियर की शुरुआत करने वाले तलत महमूद की आवाज उस दौर के अन्य गायकों से बिल्कुल अलग और अनोखी थी। जहां आवाज का उतार-चढाव उनके गायन की विशेषता थी, वहीं उन्होंने अपने आप को उस जमाने के सजीले और आकर्षक नायकों में भी शुमार किया।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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