Re: कलियां और कांटे
टी.वी. और इंटरनेट के बढ़ते प्रचलन के कारण आज लगभग सभी वर्गों के लिए इन तक अपनी पहुंच बनाना बहुत आसान हो गया है. विभिन्न जानकारियां हासिल करने के लिए या फिर मनोरंजन के ही उद्देश्य से बच्चों से लेकर बड़े यहां तक कि बुजुर्ग भी अब इन तकनीकों का फायदा उठा रहे हैं. लेकिन वो कहते हैं जहां फायदे हैं वहां कई नुकसान भी होते हैं. ऐसा ही कुछ यहां भी है.
टी.वी और इंटरनेट की दुनिया बहुत विस्तृत है. दुनिया में कब, क्या होने वाला है और आगे भी क्या हो सकता है आदि जैसी सभी जरूरी और गैर जरूरी सूचनाएं बस पल भर में ही हासिल हो सकती हैं. इन सभी सुविधाओं ने हमारे युवाओं की उत्सुकता और जिज्ञासा को अत्याधिक प्रभावित किया है और परिणाम यह हुआ कि एक उपयुक्त आयु में पहुंचने से पहले ही आज युवाओं की दिलचस्पी शारीरिक संबंधों के प्रति बढ़ने लगी है.
पहले ऐसा माना जाता था कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुष शारीरिक संबंधों में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं लेकिन अब इसे आधुनिकता का परिणाम कह लें या फिर कुछ और लेकिन स्वभाव से शालीन और संकोची समझे जाने वाली भारतीय महिलाएं भी अब सेक्स से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारियों से अवगत होने की कोशिश कर रही हैं.
पोर्न वेबसाइट्स देखना हो या अश्लील फिल्में, इतना ही नहीं अश्लील जोक्स में भी महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. यह लक्षण उन युवतियों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं जो घर से दूर हॉस्टल में रहती हैं. हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों में पोर्न मूवीज देखने का चस्का बहुत बढ़ता जा रहा है. राजधानी दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में हुए इस सर्वे में यह प्रमाणित हुआ कि अगर 60 प्रतिशत लड़के पोर्न वेबसाइट्स देखते हैं तो वहीं 40 प्रतिशत लड़कियों में भी पोर्न वेबसाइट्स देखने की आदत बढ़ती जा रही है.
छोटे-छोटे शहरों और गांव से बड़े-बड़े सपने लेकर राजधानी का रुख करने वाली लड़कियों में अश्लील फिल्में देखने का नशा बढ़ता जा रहा है. यह बात सर्वे में शामिल उन लड़कियों ने स्वीकारी है जो हर रोज पोर्न वेबसाइट्स विजिट करती हैं. उनका कहना है कि गर्ल्स हॉस्टल या फ्लैट में पूरी प्राइवेसी मिलती है इसीलिए ग्रुप बनाकर सभी की मर्जी के साथ पोर्न फिल्में देखी जाती हैं.
सर्वे में यह सामने आया है कि पोर्न फिल्में देखने जैसे अपने शौक को पूरा करने के लिए हॉस्टल में रहने वाली लड़कियां किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं. वे अपने परिवार से ज्यादा पैसे मंगवाती हैं ताकि इंटरनेट लगवा सकें और कभी अगर पैसे ना भी हों तो भी वे अपने दोस्तों से उधार लेने में कोई परेशानी महसूस नहीं करतीं. टीवी, इंटरनेट, लैपटॉप, 3-जी वाले मोबाइल जैसी आधुनिक तकनीकों का फायदा उठाने वाला युवा आज इन्हीं सब सुविधाओं का आदि भी बन कर रह गया है. आज हालात ऐसे बन पड़े है कि खुद युवा इन सब के बिना खुद को अधूरा समझने लगा है. बस एक क्लिक से हम किसी भी जानकारी, किसी भी साइट तक अपनी पहुंच आसानी से बना सकते हैं. सर्वे में शामिल लड़कियों का कहना है कि पोर्न वेबसाइट्स देखना सेक्स एजुकेशन ग्रहण करने जैसा है और इसमें कोई बुराई नहीं है बल्कि जानकारी होना बहुत जरूरी है.
अब लड़कियों की बदलती मानसिकता को देखते हुए हम तो बस यही कहेंगे कि भले ही उनकी नजर में पोर्न फिल्में देखना गलत ना हो लेकिन इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि पोर्न फिल्में देखने से जगी जिज्ञासा को शांत करने के लिए ही लोग शारीरिक संबंधों का अनुसरण करते हैं और युवाओं में विकसित हुई यह जिज्ञासा कैसे परिणाम का कारण बनती है यह तो हम सभी जानते हैं.
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