Re: बजट 2013-14
छोटी इकाइयों को भी मिले निवेश अलाउंस का लाभ : मप्र उद्योग जगत
संयंत्र और मशीनरी पर कम से कम 100 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने वाली इकाइयों को ही 15 प्रतिशत के निवेश अलाउंस का लाभ दिये जाने के बजट प्रावधान पर मध्य प्रदेश के उद्योग जगत ने गहरा असंतोष जताया। प्रदेश के उद्योग जगत की मांग है कि यह फायदा उन छोटे उद्योगों को भी मिलना चाहिये, जो 100 करोड़ रुपये से कम निवेश के साथ अपने उपक्रम की शुरूआत करते हैं। एसोसिएशन आफ इंडस्ट्रीज मध्य प्रदेश के अध्यक्ष अशोक बड़जात्या ने कहा, ‘वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने अपने बजट भाषण में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास की बात तो खूब की। लेकिन बजट में निवेश एलाउंस के प्रस्तावित प्रावधान को देखकर लगता है कि सरकार देश में केवल बड़े निवेश को बढावा देना चाहती है।’ उन्होंने जोर देकर कहा, ‘एमएसएमई को सरकार की ज्यादा सहायता की दरकार है। इसलिये निवेश अलाउंस का लाभ छोटे उद्योगों को भी दिया जाना चाहिये।’ बजट में प्रस्तावित निवेश अलाउंस के प्रावधान के तहत अगर कोई कम्पनी एक अप्रैल 2013 से 31 मार्च 2015 के बीच संयंत्र और मशीनरी पर 100 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा की पूंजी लगाती है, तो उसे निवेश पर 15 प्रतिशत का अलाउंस दिया जायेगा। बड़जात्या ने केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिये बजट में 33,000 करोड़ रुपये की बड़ी रकम के प्रावधान पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा, ‘सरकार अपने लोकलुभावन कदमों के तहत मनरेगा का बजट लगातार बढा रही है। इससे उद्योग जगत चिंतित है, क्योंकि इससे उसके सामने श्रमिकों की उपलब्धता की समस्या खड़ी हो गयी है। लिहाजा मनेरगा का आकार कम किया जाना चाहिये।’ पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने भी मांग की कि निवेश अलाउंस के बजट प्रावधान का लाभ 100 करोड़ रुपये से कम का निवेश करने वाले उद्योगों को भी मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि सरकार ने हालांकि वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनावों को देखते हुए आम बजट को आकार दिया है। फिर भी इसे संतुलित बजट कहा जा सकता है। कोठारी ने कहा, ‘वैसे भी देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा चुनौतियों के मद्देनजर चिदंबरम उद्योग और व्यापार जगत पर ज्यादा बोझ नहीं डाल सकते थे।’
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