Re: इस 'डर' से डरने की जरूरत नहीं
अक्सर हमारे मन में किसी न किसी चीज का डर जरूर होता है। किसी को ऊंचाई से डर लगता है तो किसी को अंधेरे से, कोई भीड़ देखकर घबराता है तो कोई अकेलेपन से कतराता है। कब मन के भीतर छिपा यह डर फोबिया में बदल जाता है पता ही नहीं चल पाता। हम अपने फोबिया से इतना घबराते हैं कि इसे दूर करने के बजाय इससे बचने के उपाय खोजते रहते हैं, जबकि मनोचिकित्सा की मदद से फोबिया को दूर करने में बहुत आसानी होती है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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