View Single Post
Old 07-12-2010, 11:22 PM   #48
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default Re: प्रेम, प्रणय और धोखा

गुडहल को अब छोड़ के,लो गुलाब की बास
मोह न कर संसार से , जा मोहन के पास

प्रीतम का ख़त पाय के दुःख तुरंत हट जाय
बांचति बैठे ओट में , छाती आँख लगाय
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754

Last edited by jai_bhardwaj; 07-12-2010 at 11:26 PM.
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote