Re: इधर-उधर से
नज़्म / मेरे हक़ में दुआ करना / परवीन शाकिर
दुआ करना
मिरे हक़ में दुआ करना
बिछड़ते वक्त उसने एक ही फिकरा कहा था
उसे क्या इल्म
मेरे हर्फों से तासीर कब की उठ चुकी है !
दुआ का फूल
मेरे लब पे खिलते ही
अचानक टूट जाता है
मैं किस खुशबु को उसके हाथ पर बांधूं
मुझे खुशबू से डर लगने लगा है !
Last edited by rajnish manga; 21-04-2013 at 11:27 PM.
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