Re: सरबजीत सिंह और हमारी सरकार
उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए एक बार फिर अपने भाई की रिहाई और उसको इलाज के लिए भारत या विदेश भेजने की मांग की। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह सरबजीत की बेटी और पत्नी की खराब हालत के चलते वतन वापस आई हैं। उन्होंने वहां पर अपने ऊपर हमले की भी आशंका जाहिर की।
इस बीच जिन्ना अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे सरबजीत की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ है। वह लगातार ब्रेन डेड कंडीशन की तरफ बढ़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक सरबजीत की हालत बेहद चिंताजनक बनी हुई है।
मात्र 23 दिन की थी पूनम जब सरबजीत सिंह 1990 में शराब के नशे में सीमा पार कर उससे बिछड़ गया था। पिता घर लौटे, इसका इंतजार वह गत 23 वर्षो से कर रही है। पिता से अब मिलने का अवसर भी मिला तो उनकी हालत ही इतनी बिगड़ चुकी है कि उससे देखा नहीं जा रहा है। जिन्ना अस्पताल में जिंदगी व मौत के बीच जूझ रहे भारतीय कैदी सरबजीत की बेटी पूनम मंगलवार को पिता को देख कर विचलित हो उठी।
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