Re: अब एप्स रखेंगे आपके वजन पर नजर
आखिर क्या हैं ये नए-नए एप्लीकेशन
कंप्यूटर या मोबाइल को इंसानी शरीर मान सकते हैं जबकि सॉफ्टवेयर को दिमाग। एप भी एक सॉफ्टवेयर ही है, जिसे शुद्ध तकनीक की भाषा में एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहा जाता है। यूजर्स को किसी खास काम करने के लिए जो सॉफ्टवेयर बनाया जाता है, उसे ही एप कहते हैं। दैनिक जीवन में जितने तरह का काम आप सोच सकते हैं, उतने तरह का ऐप बाजार में है। साथ ही ज्यादा से ज्यादा यूजर्स फ्रेंडली नए-नए ऐप भी हर दिन बाजार में आ रहा है।मोबाइल के लिए जो एप बनाए जा रहे हैं, वो साइज में छोटे होते हैं ताकि मोबाइल की मेमरी बची रहे, साथ ही उसे कम से कम काम करना पड़े। मोबाइल कंपनियां कुछ एप्स को मोबाइल के साथ इनबिल्ट कर ही बाजार में लॉन्च करती हैं जबकि कुछ एप्स अलग से बनाए जाते हैं जिसे आप अपने मोबाइल में डाउनलोड कर उसका यूज कर सकते हैं। अभी बनने वाले ज्यादातर ऐप्स बिजनेस, डाक्यूमेंट्स, अकाउंट्स, ग्राफिक्स, न्यूज, म्यूजिक, वेदर, चैट, शेयरिंग, हेल्थ आदि दैनिक जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए जा रहे हैं। ये एप्स सामान्यत: आपके मोबाइल सॉफ्टवेयर के साथ इन्टीग्रेट कर जाते हैं और उसके परफोर्मेंस को भी प्रभावित नहीं करते। हालांकि कुछ ऐप्स ऐसे भी हैं जो मालवेयर का काम करते हैं। इसलिए ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले उसके बारे में अच्छे से जांच-पड़ताल कर लें।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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