Re: स्त्रियों के बारे में : ओशो .
ओशो कहते हैं कि सहनशक्ति के मामले में पुरुष, महिलाओं के आगे कहीं नहीं टिकते। यानी की पुरुषों की सहनशक्ति स्त्रियों की तुलना में बहुत कम होती है। पुरुष तो सिर्फ अपने शरीर की ऊपरी शक्ति का हिसाब लगाते रहते हैं, यानी की मसल की शक्ति। पुरुषों को लगता है कि वे अपने बाहुबल से भारी पत्थर भी उठा लेते हैं, जबकि स्त्रियां ऐसा नहीं कर सकतीं। लेकिन वास्तव में ये शक्ति नहीं। शक्ति को मापने का यह पैमाना बिल्कुल नहीं। शक्ति का पैमाना तो सहनशक्ति से होता है और ताकतवर वही होता है, जिसमें सहनशक्ति ज्यादा होती है।
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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