Re: स्वास्थ्यवर्द्धक समाचार : नए शोध और खोजें
बनाई सूटकेस में समा सकने लायक प्रयोगशाला
नई दिल्ली। गांव के लोगों को भी अब जल्द ही घर बैठे ही सटीक चिकित्सा निदान सुविधाएं मिल सकेंगी। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक पूर्व छात्र ने सूटकेस में समा सकने लायक एक छोटी पैथोलॉजिकल लैब विकसित की है। इसके जरिए कई रोगों की जल्द पहचान कर सही समय पर उनका निदान किया जा सकेगा। आईआईटी-रुड़की के पूर्व छात्र अमित भटनागर ने हॉलीवुड की मशहूर फिल्म निर्माण कंपनी यूनिवर्सल स्टूडियोज की एक अच्छी खासी नौकरी छोड़ कर इस मोबाइल जैव रसायन प्रयोगशाला का निर्माण किया है। गुर्दा, यकृत, हृदय, रक्त अल्पता, मधुमेह और गठिया सहित 23 महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षण कर सकने में सक्षम यह प्रयोगशाला एक छोटे से सूटकेस के अंदर समा सकती है। विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी मंत्री एस. जयपाल रेड्डी द्वारा कल शुरू की गई यह मोबाइल लैब दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ा वरदान साबित हो सकती है, जो अब तक इस प्रकार की रोग निदान सुविधाओं से वंचित ही रहे हैं और इस कारण उनके कई रोगों का सही समय पर पता भी चल पाता है। भटनागर ने बताया कि एक सूटकेस में फिट हो सकने वाला यह लैब पूरी तरह से पावर बैकअप से लैस है। इसके जरिए बेहद सटीक, कम लागत में और सही समय पर गुर्दा, यकृत, हृदय, रक्त अल्पता, मधुमेह और गठिया सहित 23 महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण किए सकते हैं। इस लैब की अधिकतम कीमत 3.5 लाख रुपए है। सीमा सड़क संगठन करगिल, लेह और लद्दाख के दूरदराज क्षेत्रों में इस मोबाइल लैब का उपयोग कर रही है। वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल इसे छत्तीसगढ़ के जंगलों में और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन हरियाणा और केरल में परीक्षण के तौर पर इसका उपयोग कर रही है।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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