Re: भारतीय सिनेमा 100 साल : 100 डायलॉग
8. आवारा (1951)
जज रघुनाथ के संरक्षण में पली नरगिस भी वकील है. वो आवारा राजू से प्यार करती है जिस पर क़त्ल का आरोप है
नरगिस- मेरा दिल कहता है कि राजू बेगुनाह है
जज- दिल की बात अदालत नहीं मानती
नरगिस- मेरे दिल की अदालत पर क़ानून नहीं चलता
क्लामेक्स में नायक सज़ा सुनने के बाद
राजू- जज रघुनाथ मेरा असली मुकदमा तो आपके दिल की अदालत में चल रहा है. मुझे फैसले का इंतज़ार है.
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
Last edited by bindujain; 16-05-2013 at 08:20 AM.
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