View Single Post
Old 21-05-2013, 01:25 AM   #411
Dark Saint Alaick
Super Moderator
 
Dark Saint Alaick's Avatar
 
Join Date: Nov 2010
Location: Sherman Oaks (LA-CA-USA)
Posts: 51,823
Rep Power: 182
Dark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond reputeDark Saint Alaick has a reputation beyond repute
Default Re: कतरनें

राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर विशेष
सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति के प्रणेता



भारतीय राजनीति में सबसे शक्तिशाली और प्रभावी नेहरू-गांधी परिवार से सम्बंध रखने वाले राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए देश में होने वाले सरकारी घोटालों जैसे आरोपों को स्वीकारा था। 40 साल की उम्र में देश के सबसे युवा और नौवें प्रधानमंत्री होने का गौरव हासिल करने वाले राजीव गांधी आधुनिक भारत के शिल्पकार हैं। राजनीतिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद राजीव गांधी ने कभी भी राजनीति में रुचि नहीं थी, लेकिन राजनीति में उनका प्रवेश केवल हालातों की ही देन था। राजीव सूचना प्रौद्योगिकी में भारत की भूमिका अहम मानते थे। उन्होंने कम्प्यूटर के इस्तेमाल को आम करने की शुरुआत की। साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बजट बढ़ाए। राजीव गांधी को समाज और राजनीति में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से अलंकृत किया गया।
विज्ञान-तकनीक को बढ़ावा
इसमें कोई शक नहीं कि राजीव गांधी एक दूरदर्शी नेता थे। चुनाव जीतने और सरकार में शामिल होने जैसी बातें उनके कद के आगे बौनी थीं। एयर इंडिया के पायलट रह चुके राजीव धारा प्रवाह हिंदी और अंग्रेजी बोलते-लिखते थे। चुनावी रैलियों में सुरक्षा घेरे तोड़ते हुए गांव के बुजुर्गों के पास पहुंच जाना उनके व्यक्तित्व का हिस्सा था। उनकी मुस्कुराहट उम्मीदें जगाती थीं। एक ऐसे वक्त में जब कोई भी देश को आगे ले जाने के बारे में सोच नहीं रहा था, वह देश को 21वीं सदी में ले जाने की सोच विकसित कर चुके थे। राजीव सूचना प्रौद्योगिकी में भारत की भूमिका अहम मानते थे। उन्होंने कम्प्यूटर के इस्तेमाल को आम करने की शुरुआत की। साइंस और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकारी बजट बढ़ाए। हवाई सोच से परे राजीव चाहते थे कि देश में शिक्षा का स्तर सुधरे और 1986 में उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एलान किया। जवाहर नवोदय विद्यालय के नाम से आज ग्रामीण बच्चों को शिक्षा मिल रही है। आज इन विद्यालयों में लाखों बच्चे पढ़ रहे हैं। 1986 में राजीव ने महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की स्थापना की। पब्लिक कॉल आॅफिस के जरिए ग्रामीण इलाकों में संचार सेवा का तेजी से विस्तार हुआ। राजीव पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने देश में तकनीक के प्रयोग को प्राथमिकता देकर कम्प्यूटर के व्यापक प्रयोग पर जोर डाला। भारत में कम्प्यूटर को स्थापित करने के लिए उन्हें कई विरोधों और आरोपों को भी झेलना पड़ा लेकिन अब वह देश की ताकत बन चुके कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं।
राजनीतिक सफर
भारतीय राजनीति और शासन व्यवस्था में राजीव गांधी का प्रवेश केवल हालातों की ही देन था। राजीव गांधी ने भ्रष्टाचार को देश के विकास का सबसे बड़ा दुश्मन बताया। उनका चर्चित बयान था कि सरकार के आवंटित एक रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही गांव तक पहुंचते हैं। वे पहले नेता थे, जिन्होंने भ्रष्टाचार को इतना करीब से पहचाना और सार्वजनिक रूप से इसे स्वीकार किया। भ्रष्टाचार से निपटने के लिए राजीव ने कानूनों को सख्ती से लागू कराया, जो भ्रष्टाचार को रोकने में ताकतवर भी साबित हुए। उन्होंने दल-बदल विरोधी कानून भी लागू कराया, जिससे राजनीति में भ्रष्टाचार पर रोक लग सके। राजीव पर खुद भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे। उन पर बोफोर्स तोप की खरीद में घूस लेने के आरोप लगे, लेकिन कोर्ट में साबित नहीं हो पाए। अपने शासनकाल में उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं और नौकरशाही में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए। कश्मीर और पंजाब में चल रहे अलगाववादी आंदोलनकारियों को हतोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी ने कड़े प्रयत्न किए।
सहयोग ही बना निधन की वजह
20 अगस्त, 1944 को जन्मे राजीव गांधी इंदिरा गांधी के पुत्र थे। इनका पूरा नाम राजीव रत्न गांधी था। सन 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वह भारी बहुमत से प्रधानमंत्री बने। राजीव गांधी और उनके छोटे भाई संजय गांधी की प्रारंभिक शिक्षा देहरादून के प्रतिष्ठित दून स्कूल में हुई थी। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में दाखिला लिया साथ ही कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से इंजीनीयरिंग का पाठ्यक्रम भी पूरा किया। भारत लौटने के बाद राजीव गांधी ने लाइसेंसी पायलट के तौर पर इण्डियन एयरलाइंस में काम शुरू किया। कैम्ब्रिज में पढ़ाई के दौरान राजीव गांधी की मुलाकात एंटोनिया मैनो से हुई, विवाहोपरांत जिनका नाम बदलकर सोनिया गांधी रखा गया। छोटे भाई संजय गांधी की दुर्घटना में मृत्यु के बाद उन्होंने अपनी मां को सहयोग दिया। श्रीलंका में चल रहे लिट्टे और सिंघलियों के बीच युद्ध को शांत करने के लिए राजीव गांधी ने भारतीय सेना को श्रीलंका में तैनात कर दिया। जिसका प्रतिकार लिट्टे ने तमिलनाडु में चुनावी प्रचार के दौरान राजीव गांधी पर आत्मघाती हमला करवाया। 21 मई, 1991 को रात 10 बजे के करीब एक महिला राजीव गांधी से मिलने के लिए स्टेज तक गई और उनके पांव छूने के लिए जैसे ही झुकी उसके शरीर में लगा आरडीएक्स फट गया। इस हमले में राजीव गांधी का निधन हो गया।
बनेंगी फिल्में
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जिंदगी पर आधारित एक नहीं दो फिल्में पाइप लाइन में हैं। निर्देशक आदित्य ओम के साथ शीतल तलवार उनकी जिंदगी पर फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं। फिल्म ‘बंदूक’ से निर्माण और निर्देशन के क्षेत्र में कूदे अभिनेता आदित्य ओम अब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्याकांड पर एक डॉक्यू ड्रामा फिल्म ‘हू किल्ड राजीव’ बनाने जा रहे हैं। राजीव गांधी पर एक और फिल्म निर्देशिका भवाना तलवार और उनके निर्माता पति शीतल तलवार मिलकर बनाने की तैयारी कर रहे हैं। फिल्म को लेकर किसी प्रकार का विवाद न हो इसके लिए निर्माता और निर्देशक, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मिलकर इस फिल्म को बनाने की अनुमति लेना चाहते हैं। उनकी स्वीकृति के बाद ही यह फिल्म बननी शुरू होगी।
Attached Images
This post has an attachment which you could see if you were registered. Registering is quick and easy
__________________
दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
Dark Saint Alaick is offline   Reply With Quote