15-12-2010, 07:57 AM
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2जी स्पेक्ट्रम : विदेशी एजेंट हैं राडिया!
2जी स्पेक्ट्रम : विदेशी एजेंट हैं राडिया!
आयकर विभाग की जांच शाखा ने कहा है कि कॉपरेरेट लॉबीस्ट नीरा राडिया और उद्योगपति रतन टाटा व अन्य के बीच की बातचीत के टेप उसने लीक नहीं किए हैं।
हालांकि उसने चुप्पी बनाए रखी है कि बातचीत के टेप क्या सीबीआई जैसी दूसरी एजेंसियों ने लीक किए। रतन टाटा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस के जवाब में आयकर विभाग के अतिरिक्त निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि हमारे द्वारा रिकॉर्ड बातचीत कभी मीडिया में नहीं आई है।
जवाब में यह भी बताया गया है कि एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए यह बातचीत टेप की गई थी जिसमें राडिया को विदेशी एजेंट बताया गया था। उन पर राष्ट्रद्रोही गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया गया था। शिकायत में कहा गया कि राडिया ने नौ साल में 300 करोड़ रुपए का व्यवसाय खड़ा कर दिया है। इसके बाद शुरू की गई जांच में गृह मंत्रालय की अनुमति से राडिया की 14 फोन लाइनें 180 दिन तक टेप की गई।
जवाब के मुताबिक, आयकर महानिदेशक ने इंटेलीजेंस ब्यूरो को चिट्ठी लिखकर बताया था कि बातचीत के कुछ अंश बहुत संवेदनशील हैं। टाटा समूह के प्रमुख रतन टाटा ने टेप लीक होने की जांच की मांग करते हुए शीर्ष अदालत में याचिका लगाई है। उन्होंने टेप में उनकी और राडिया की बातचीत के प्रकाशन पर रोक लगाने की भी मांग की है। मामले में अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
जांच की जरूरत
जवाब में कहा है कि नीरा राडिया टेप लीकेज मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। लेकिन यह भी कहा है कि अगर किसी सेलफोन सेवा प्रदाता ने अवैध तौर पर सूचना लीक की है तो आयकर विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। यह संचार या दूसरा सक्षम मंत्रालय ही कर सकता है। यह भी कहा गया है कि टेपों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह मानने का कोई कारण नहीं है कि आयकर विभाग से टेलीफोन बातचीत लीक हुई है।
कब-क्या हुआ
- 16 नवंबर 2007 को राडिया के खिलाफ शिकायत मिली।
- 20 अगस्त 2008 से 120 दिन तक और फिर 11 मई 2009 से 9 जुलाई 2009 तक 60 दिन, कुल 180 दिन राडिया की बातचीत की रिकॉर्डिंग।
- 23 दिसंबर 2009 को आयकर महानिदेशक ने राडिया के 1450 कॉल रिकॉर्ड सीबीआई को सौंपे।
- मई 2010 में सीबीआई ने आयकर महानिदेशक से 20 अगस्त 2008 से 9 जुलाई 2009 तक राडिया की पूरी रिकॉर्ड बातचीत के टेप उपलब्ध कराने को कहा।
- पहली बार अप्रैल 2010 में मीडिया में आया कि राडिया व अन्य के बीच बातचीत आयकर विभाग ने टेप की है और सीबीआई से साझा की है।
- सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने दिल्ली हाईकोर्ट में टेप सार्वजनिक करने और 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच की मांग संबंधी याचिका दायर की, याचिका खारिज।
- सीपीआईएल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई, अधिकारियों ने टेप शीर्ष कोर्ट के सुपुर्द किए।
- नवंबर 2010 में ‘ओपन’ और ‘आउटलुक’ में टेप की बातचीत का प्रकाशन।
प्रकाशन पर रोक में जताई असमर्थता
मीडिया में टेप की बातचीत के प्रकाशन को रोकने में असमर्थता जाहिर करते हुए कहा गया है कि यह सरकार के लिए संभव या व्यावहारिक नहीं है। टाटा की याचिका पर शीर्ष कोर्ट ने 2 दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव,वित्त मंत्रालय, सीबीआई, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और आयकर विभाग को नोटिस जारी किए थे। टेप की बातचीत के अंश प्रकाशित करने के लिए ‘आउटलुक’ और ‘ओपन’ मैग्जीन को भी नोटिस जारी किए गए हैं। इन सभी से 10 दिनों में जवाब मांगा गया है।
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