Re: सोमबीर नामदेव की हरियाणवी रचनाएँ
के सोचे सै आजया तन्ने हिसार घुम्मा ल्याउ
चाँदी की पाजेब आर सोने का हार दुया ल्याउ
सबते पहले खाइये छोले राम चाट भंडार के
फेर ल्यांगे जिसे नागोरी गेट आले बाज़ार के
ईज़ीडे की तन्ने खूब ख़रीदारी करवा दूंगा
होटल ब्लूबर्ड मे तेरी खातिर दारी करवा दूंगा
सांझ होए सी चाल्ले पार्क जिंदल आले मै
लिए देख तिरगा सबते ऊंचा कति अटारी मै
स्पलैश (splash )की मस्ती के मह तन्ने आज झूमा दूंगा
सोचे के सै चाल पड़े नै आज सारा सहर घुमान दूंगा
एफ़सी आली कत्ती मस्ताई छोरी देख लिए
जीजेयु की बाहर आली गोरी मेम भी देख लिए
बस मैं लटके लंबे ठाड़े छोरे देख लिए
मस्ती के माह होए कत्ती चूर देख लिए
गोरमेंट कॉलेज की आजया पढ़ाई भी देख लिए
ओड़े '''नामदेव ''' भी होरी होगी खिंचाई देख लिए
के सोचे सै आजया तन्ने हिसार घुम्मा ल्याउ
चाँदी की पाजेब आर सोने का हार दुया ल्याउ
gju =guru jambheswar university
fc =fateh chand kanya mahavidyalya
लेखक ....सोमबीर '''नामदेव ''' ड़ाएआला
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