Re: हर समय श्रेष्ठ : गीत
आज कुछ तो नशा आपकी बात का है
और थोडा नशा धीमी बरसात का है
हमें आप यूं ही शराबी ना कहिये
ये दिल पर असर तो मुलाक़ात का.... है मुलाक़ात का
हिचकियाँ आ रही.... हैं ये क्या हो गया है
तुम्हारी कसम आज पी ही नहीं मैंने पी ही नहीं
कल जो पी थी अजी .......
लोग कहते हैं पिए बैठा हूँ
खुद को मदहोश किये बैठा हूँ
जान बाकी है वो भी ले लीजे
दिल तो पहले ही दिए बैठा हूँ
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