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Originally Posted by lalit1234
अक्स जी , जिस प्रकार कोयल कि पहचान उसकी आवाज़ से होती है उसी प्रकार ' हसीना ' कि पहचान उसके द्वारा लिखे भावों से होती है यदि कोई शख्स अपनी पहचान छुपा कर लिखता है तो यकीन मानिये कि उसके मन में भी कहीं न कहीं एक ओरत छुपी होती है
हसीना के वजन के बारे में इतना ही कहेंगे उसके शरीर से ज्यादा वज़न तो उनके नखरों का होता है ............... ये तजुर्बा है ख्याल नहीं ... ....
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ललित भाई
अब आप ही अपना तर्जुबा लगाओ "हसीना" को लेकर आओ