Re: इधर-उधर से
सुनने की कला
(विलियम स्ट्रिंगफेलो)
सुनने का गुण मानव जीवन को विशिष्टता प्रदान करता है. आप दूसरे व्यक्ति के कहे हए शब्द नहीं सुन पायेंगे यदि आप अपनी वेशभूषा के बारे में ही सोच रहे होंगे या यह सोच रहे होंगे कि आप दूसरे व्यक्ति के चुप होने के बाद क्या बोलेंगे अथवा वह जो बोल रहा है वह ठीक है या नहीं, तर्कपूर्ण या सहमत होने लायक है भी या नहीं. इन सभी मुद्दों का अपना अपना महत्व है, किन्तु तभी जब वक्ता अपनी बात कह चुका हो और सुनने वाला एक एक शब्द को पूरी गंभीरता से सुन चुका हो, उसके बाद.
सुनना भी प्रेम-प्रदर्शन का एक पुरातन तरीका है, जिसमे एक व्यक्ति बोलने वाले के शब्दों को ईमानदारी से सुनता है और उन्हें समर्पित भाव से अपने ह्रदय और मस्तिष्क तक आने देता है.
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