Re: दोस्तोँ की नजर
अभय :
मेरे लिए छोटे भाई के समान है
बहुत कम समय में बहुत कुछ पाने की ख्वाहिश (आज कल अधिकांशतः युवा में देखि जाती है)
महत्वाकांक्षा बुरी बात नहीं है पर कुछ पाने के लिए आपको उस लायक बनना होता है और उसके लिए कठोर श्रम करना पड़ता है
अभय मेहनती है इसमें कोई शक नहीं पर मुझे धीरज की कमी दिखती है
भाषा की त्रुटी भी शायद जल्दबाजी में पोस्ट करने के कारन ही ज्यादा प्रकट दीखता है
मुझे लगता है इनको संख्या से ज्यादा ध्यान गुणवत्ता पर देना चाहिए
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घर से निकले थे लौट कर आने को
मंजिल तो याद रही, घर का पता भूल गए
बिगड़ैल
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