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Old 21-12-2010, 10:25 AM   #19
lalit1234
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lalit1234 is on a distinguished road
Default Re: अजीब नाम, काम और ताकियाकलाम

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Originally Posted by aksh View Post
वाह अनुज !! हमारे काका की कविता कह कर कैसी लगी पूछ रहे हो ???? बहुत ही अच्छी है.

मुन्ना भाई , तो और लीजिये 'काका' के तीर .....

''चतुरसेन बुद्धू मिले, बुद्धसेन निर्बुद्ध,
श्री आनन्दीलालजी रहें सर्वदा क्रुद्ध।
रहें सर्वदा क्रुद्ध, मास्टर चक्कर खाते,
इंसानों को मुंशी, तोताराम पढ़ाते,
कहं ‘काका’, बलवीरसिंहजी लटे हुए हैं,
थानसिंह के सारे कपड़े फटे हुए हैं।''
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