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Originally Posted by आकाश महेशपुरी
रजनीश जी हार्दिक आभार।
रचना मेँ एक परिवर्तन किया है।
डोज की जगह ओज का प्रयोग कैसा लगा?
कृपया सुझाव देँ।
प्रणाम्
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आकाश जी, यकीन माने कि पढ़ते समय डोज़ शब्द बेमेल लग रहा था किन्तु मैंने अपनी सीमाओं का ध्यान रखते हुये नहीं कहा. इससे कविता का सौन्दर्य बाधित हो रहा था. 'ओज' ही यहां सटीक रहेगा.