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त्वचा की जांच की 3 डी तकनीक अब भारत में
नई दिल्ली। त्वचा रोगों का पता लगाने वाली त्रिआयामी स्किन एसेसमेंट तकनीक अब भारत में भी उपलब्ध हो गई है। इस तकनीक की मदद से त्वचा रोगों का इलाज समय से पहले ही सकता है। भारत में इस तकनीक की शुरुआत करने वाले मुंबई के पॉजिटिव हेल्थ के प्रबंध निदेशक डा. अक्षय बत्रा ने बताया कि इस तकनीक की मदद से न केवल त्वचा रोगों की समयपूर्व पर सटीक पहचान हो जाती है, बल्कि त्वचा की बनावट एवं त्वचा को सूर्य से होने वाली क्षति का भी विशलेषण हो सकता है। इसके अलावा यह तकनीक त्वचा में मौजूद मेलानिन एवं हीमोग्लोबिन की सटीक सांद्रता का पता लगाने में भी सहायता करती है। इस तकनीक का एक और अत्यंत महत्वपूर्ण लाभ यह है कि इससे पूर्वानुमानित विश्लेषण करना संभव हो जाता है। 3 डी इमेजिंग डाइग्नोसिस की मदद से त्वचा में आने वाले उन बदलावों को भी देखना संभव है, जिन्हें आंखों से देखना तीन माह बाद ही संभव हो पाता है। एक अनुमान के अनुसार देश में लगभग दस प्रतिशत लोग त्वचा से सम्बंधित बीमारियों से पीड़ित हैं, जिनमें सोरियासिस सफेद धब्बे, डर्मेटाइटिस एक्जीमा, कील-मुंहासे तथा हाइपरशपिग्मेंटशन शमिल हैं। इन अनेक रोगों के साथ सामाजिक लज्जा भी जुड़ी हुई है और रोगी अक्सर इन स्थितियों के कारण मनोवैज्ञानिक समस्या का भी सामना करते हैं।
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दूसरों से ऐसा व्यवहार कतई मत करो, जैसा तुम स्वयं से किया जाना पसंद नहीं करोगे ! - प्रभु यीशु
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