Re: मुझे प्रिसेंज ऑफ कत्थक कहा जाता था- नीलिमा
नीलिमा को इस बात की संतुष्टि है कि उनके जीवन में एक रिश्ता अब तक स्थायी है. उनके और बेटे शाहिद के बीच कुछ वर्ष पहले मतभेद हो गए थे, दोनों के बीच बातचीत बंद हो गई थी, लेकिन अब शाहिद अपनी मां के पास लौट आए हैं. शाहिद ने अंधेरी वेस्ट में यारी रोड पर अपनी मां को टूबीएचके फ्लैट और एक गाड़ी भेंट की है. बेटे का जिक्र आने पर नीलिमा अचानक बेहद खुश हो जाती हैं. वे बड़े उत्साही अंदाज में कहती हैं, ''आप जिस घर में बैठे हैं, यह शाहिद का दिया हुआ तो है. हमारे बीच तकरार नहीं हुई थी, तनाव हो गया था. हमारे खयालात अलग-अलग हो गए थे. शाहिद अचानक इंटीपेंडेंट हो गए. वो एक इंडीविजुअल बन गए. वह बुरा दौर अब खत्म हो चुका है. हम बीबीएम के जरिए चौबीस घंटे संपर्क में रहते हैं. शाहिद के साथ सार्वजनिक स्थलों पर न नजर आने के बाबत नीलिमा कहती हैं कि मुझे हर जगह पर कूद-कूदकर जाना पसंद नहीं हैं. जहां शाहिद बुलाते हैं, मैं वहां जरुर जाती हूं.
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