अपनी शर्तों पर जीवन जीने वाली असाधारण शख्सियत का नाम है नीलिमा अज़ीम - उत्कृष्ट कत्थक नृत्यांगना, स्टेज आर्टिस्ट और भी न जाने क्या क्या. उसमें है जिजीवषा, किसी भी परिस्थिति में हार न मानने का मनोबल और अपने उद्देष्य के प्रति एकनिष्ठ लगन. आह! इतनी छोटी उम्र में इतना कुछ सहन करना पड़ा.
हमारी दुआ है कि वह अपने प्रोजेक्ट्स में खूब सफल हो. नीलिमा अज़ीम की बहुआयामी शख्सियत को फोरम पर प्रस्तुत करने के लिये आपका आभार, जय जी.
1977 में नाटक "अनारकली, अकबर, सलीम" की रिहर्सल के दौरान नीलिमा अज़ीम और पंकज कपूर के बीच प्यार हुआ. इस नाटक का एक दृष्य नीचे प्रस्तुत है: