View Single Post
Old 05-08-2013, 07:02 PM   #1
jai_bhardwaj
Exclusive Member
 
jai_bhardwaj's Avatar
 
Join Date: Oct 2010
Location: ययावर
Posts: 8,512
Rep Power: 99
jai_bhardwaj has disabled reputation
Default एक शाम .. तुम्हारे नाम

वो शाम बहुत ख़ास थी...आज उस शाम को बीते कई साल हो चुके हैं लेकिन अभी भी याद ऐसे ताज़ा है की लगता है वो बस जैसे कल की ही बात थी.उस शाम मैं बहुत खुश था, सुबह से ही मैं खुश था और काफी उत्साहित भी...वो डेढ़ साल बाद शहर वापस आई थी और ठीक अगले दिन मेरा जन्मदिन था.वो अक्सर जुलाई के आखिरी दिनों में आती थी, लेकिन ये पहला मौका था जब वो मेरे जन्मदिन के ठीक एक दिन पहले मेरे शहर आ रही थी.मेरी सबसे अच्छी दोस्त मेरे जन्मदिन पर मेरे साथ रहेगी मेरे लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती थी.

मैं बार बार घडी देख रहा थ, उसने मुझे दोपहर तीन बजे बुलाया था.दिन भर का इंतजार करना मेरे लिए पहाड़ सा काम लग रहा था.तय समय से बहुत पहले ही मैं घर से निकल गया.रात भर बारिश हुई थी और मौसम बहुत सुहावना हो गया था..सुबह से आसमान में बादल छाये हुए थे. मैं काफी देर तक सड़कों पर युहीं गाड़ी दौड़ाते रहा...उससे क्या क्या बातें करूँगा, कहाँ उसे घुमाने ले जाऊँगा, कौन कौन सी नयी बातें उसे बतानी है...इन्ही सब ख्यालों के बीच मैं गाड़ी चला रहा था.

ठीक तीन बजते ही मैं उसके अपार्टमेंट के गेट के सामने पहुँच गया.
__________________
तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
jai_bhardwaj is offline   Reply With Quote