Re: समाचार
दाऊद को मारने गया था मैं: डॉन बंटी
कई बार कुछ लोग इतनी
हांकते हैं कि सामनेवाले को यकीन करना मुश्किल होता है। डॉन बंटी पांडे भी इन्हीं लोगों में से एक है।
पिछले महीने वियतनाम में गिरफ्तार बंटी ने खुद को बड़ा डॉन बताने के लिए सीनियर इंस्पेक्टर नितिन अलकनुरे और संजीव धुमाल को दाऊद इब्राहिम से जुड़ी कई ऐसी कहानियां सुनाईं , कि क्राइम ब्रांच को उससे मुस्करा कर कहना पड़ा - दोस्त , बात कुछ हजम नहीं हुई।
बंटी के मुताबिक कुछ साल पहले वह फरीद तानशा व विक्की मल्होत्रा के साथ दाऊद को मारने कराची गया था। उसने एक मस्जिद में दाऊद को नमाज पढ़ते हुए भी देखा। उसका इरादा दाऊद को मस्जिद से बाहर निकलते ही मारने का था , लेकिन दाऊद को मारने के लिए हथियार लाने वाला शख्स समय पर उस ( बंटी ) तक हथियार नहीं पहुंचा पाया , इसलिए अपने सामने होते हुए भी बंटी दाऊद को नहीं मार पाया। हालांकि बंटी का बयान अधिकृत तौर पर रिकार्ड कर लिया गया है , पर मुंबई क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार उन्हें नहीं लगता कि बंटी के दावे में जरा भी सच्चाई है। ऐसा लगता है जैसे बंटी कोई सपना देखकर दाऊद से जुड़ी यह कहानी सुना रहा है।
दूसरे क्राइम ब्रांच के अधिकारी के अनुसार यह सच है कि दाऊद को मारने के लिए छोटा राजन ने अपने दो खास आदमी फरीद तानशा और विक्की मल्होत्रा को कराची में कुछ साल पहले भेजा था , लेकिन इन दोनों ने कभी भी पूछताछ में यह नहीं बताया था कि बंटी भी उनके साथ कराची गया था। इस अधिकारी के मुताबिक दाऊद को मारने की साजिश तब रची गई थी , जब दाऊद की एक बेटी की बीमारी की वजह से मौत हो गई थी। उस वक्त फरीद और विक्की को बोला गया था कि दाऊद बेटी की मौत के 40 दिन बाद होनेवाली शोक बैठक ( चालीसवां ) में जब आएगा , तो उसे भून देना। उस बैठक में अनीस व दाऊद के परिवार के अन्य लोग आए , पर जब विक्की और फरीद को वहां दाऊद नहीं दिखा , तो फरीद ने राजन को फोन कर पूछा कि अनीस हमारे सामने है , क्या हम उसे खत्म कर दें , लेकिन राजन ने फरीद को निर्देश दिया कि नहीं , तुम लोगों को सिर्फ दाऊद को मारना है , किसी और को नहीं। फरीद ने क्राइम ब्रांच अधिकारियों को बताया था कि दाऊद को मारने के लिए इसके बाद भी वो और विक्की कई दिनों तक पाकिस्तान में रुके थे , लेकिन दाऊद उन्हें वहां कहीं दिखा नहीं था।
फरीद तानशा के इस खुलासे से स्पष्ट है कि दाऊद के बारे में बंटी पांडे द्वारा बताई गई कहानी कोरी गप लगती है। यहां बताना जरूरी है कि यह वही फरीद है , जिसका कुछ महीने पहले तिलक नगर में उसके घर में घुसकर भरत नेपाली के लोगों ने मर्डर कर दिया था। नेपाली के अब बैंकाक में मारे जाने पर तरह - तरह की कहानियां चल रही हैं।
बंटी ने क्राइम ब्रांच अधिकारियों को नेपाली सांसद मिर्जा दिलशाद बेग के नेपाल में हुए मर्डर के बारे में भी विस्तार से कहानी सुनाई। बंटी के मुताबिक उस मर्डर की सुपारी रोहित वर्मा को छोटा राजन ने दी थी और उस मर्डर की साजिश में रोहित वर्मा ने फरीद तानशा , संजय घाटी , विनोद मटकर , रमया वटकर , रवि पुजारी के अलावा खुद बंटी पांडे को भी लगाया था। रमया को अब एटीएस में सीनियर इंस्पेक्टर महेश देसाई और अविनाश सावंत ने एनकाउंटर में मारा था , जबकि विनोद मटकर को प्रदीप शर्मा ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। बंटी के मुताबिक बेग के मर्डर के बाद जब वे लोग दिल्ली आए , तो वहां पकड़ लिए गए , पर फरीद ने किसी को फोन करवा कर सबको छुड़वा लिया। इसके बाद सारे लोग दिल्ली के अशोका होटल रुके। यहां सभी शूटरों में किसी बात पर जब तेज बहस शुरू हो गई , तो होटल के किसी आदमी को उन पर शक हुआ और उसने दिल्ली पुलिस को फोन कर दिया। दिल्ली पुलिस कुछ ही मिनट में होटल पहुंच गई , पर इस बार भी फरीद ने दिल्ली में किसी वरिष्ठ अधिकारी को फोन करवा मामला वहीं निपटा दिया।
बंटी पांडे ने पूछताछ में यह भी बताया कि वह वियतनाम में भारत से मंगाए गए मजदूरों को लगाकर तो कमिशन के तौर पर मोटी कमाई करता ही था , उसकी केकड़े के कारोबार में भी मोटी कमाई होती थी। वह वियतनाम से सिंगापुर केकड़े भेजकर यह बिजनेस करता था।
बंटी के मुताबिक हल्द्वानी में , जहां का वह मूल निवासी है , उसके तीन बचपन के दोस्त हैं - जोगेंद्र , प्रदीप और गंगा सिंह। ये तीनों उसे वहां के व्यापारियों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां देते रहते थे। इन जानकारियों के आधार पर बंटी इन व्यापारियों से वहां हफ्ता मांगता था और रुपया न मिलने पर गोलियां चलवा देता था। इन तीन दोस्तों में गंगा सिंह दूध बेचने का बिजनेस करता है , प्रदीप खुद के भाई के मर्डर में जेल में बंद है , जबकि जोगेंद्र एक राजनीतिक पार्टी में शामिल हो चुका है।
|