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Old 19-08-2013, 12:16 AM   #1
rajnish manga
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Default जीवन की छोटी छोटी पर महत्वपूर्ण बातें

छोटी-छोटी बातों में तलाशे खुशियां
कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता, कहीं जमीं तो कहीं आसमां नहीं मिलता
उपरोक्त गीत की पंक्तियां हर इंसान के दिल में एक चुभन सी पैदा कर देती है. हर सुबह आंख खुलते ही अपना आज भूलकर कल बेहतर करने की जो जद्दोजदह शुरू होती है, देर रात तक खत्म नहीं होती. हालात इस कदर खराब हो चुके हैं कि मुकम्मल जहां की चाहत दिल में संजोए अपने आज से भी वफा नहीं हो रही है. जाने अनजाने हम उन रास्तों पर चल ही पड़ते हैं, जिन पर हमको दुःखदर्द के सिवा कुछ नहीं मिलता. वजह साफ है कि हम सब कुछ जानते हुए भी वह काम कर देते हैं, जो नहीं करने चाहिए जैसे हम जानते हैं कि हमारा नेता भ्रष्ट हो चुका है, फिर भी उसको दोबारा अपना भविष्य तय करने के लिए विजयी घोषित करवा देते हैं, फिर अगले पांच साल तक उसके कर्मों की करनी का फल हम भुगतते हैं. क्योंकि हमने मतदान वाले दिन अपने वर्तमान को भूलकर अपने सुनहरे कलका निर्माण करने के लिए अपना नया ब्रह्मा निर्मित करते हैं. यही ब्रह्मा हमारे लिए रोजमर्रा की चीजों के दाम तय करते हैं, हमारे लिए नियम-कानून बनाते हैं, यह अलग बात है कि वह खुद इन पर अमल नहीं करते. और अमल करें भी क्यों? रचनाकार तो वह खुद ही है. उन्होंने आम इंसान को फंसाने के लिए लोकतंत्र रूपी चक्रव्यूह की रचना की है, तो इससे निकलने के रास्तों का निर्माण भी कर ही रखा होगा. फिर हमारा खुद पर भी तो विश्वास धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है और जिनको अपने आज पर विश्वास नहीं होता, वही अपने कल का इंतजार करते हैं, और कल है कि कभी आता ही नहीं. क्योंकि कल तो कभी आने वाला नहीं इसलिए हमारी वह खुशियां, जो कल ने अपने पास रखी है, वह हम तक कैसे पहुंचेगी. ऐसे में जरूरी हो जाता है कि हम कल की उम्मीद ही छोड़ दें और अपने आज पर विश्वास करें, अगर हमको अपने आज पर विश्वास हो गया तो हमको बड़ी खुशी तो नहीं, पर छोटीछोटी खुशियां जरूर मिल जाएगी. जो हमारे आसपास ही रहती है, पर उनको देख या महसूस नहीं कर पाते. फिर हमारा छोटा सा जहां हमारा घर ही है. कहते हैं न कि बूंद-बूंद करके गागर भरती है, ठीक उसी प्रकार छोटी-छोटी बातों में छोटी-छोटी खुशियां तलाश कर हम अपने जीवन को खुशियों से भर सकते हैं. जब हम ऐसा नहीं कर पाते तो एक बड़ी खुशी की तलाश में अपनी छोटी-छोटी खुशियों को भूल जाते हैं. अगर अपनी रोजमर्रा की दिनचर्या में ही घटनाओं और बातों पर ध्यान देकर उनको सुधारने की कोशिश करें तो संभव है कि हमको हर बात में एक-एक खुशी मिल जाएगी. अगर हम ऐसा कर पाते हैं तो हमको मुकम्मल जहां तो नहीं, पर मुकम्मल घर जरूर मिल जाएगा.
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