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Old 26-08-2013, 06:13 PM   #8
jai_bhardwaj
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Default Re: गीली यादों के कुछ पल .....

१० की रात हमने पिज्जा खाया...घर पर कुणाल के दोस्त, मेरे दोस्त सब आये थे...रात ३ बजे तक हमारी पार्टी चली...गप्पें, गप्पें और ढेर सारी गप्पें...कौन कहता है की लड़के चुप रहते हैं...बीच बीच में सॉफ्टवेर इन्फर्माशन ओवर लोड हो जाता था तो चिल्लाना पड़ता था...अब बंगलौर में रहने का ये पंगा तो है...जितने लोग आयेंगे उसमें ९०% सॉफ्टवेर वाले...उसमें सब अपना अपना शुरू कर देंगे...तो मोनिटर(न न डेस्कटॉप वाला नहीं...क्लास वाला) करना पड़ता था...उसपर कमबख्त ब्लैकबेरी सारे मेल पहुंचा देता है...बस सब अपना मेल देखना शुरू...धमकी देनी पड़ती थी की बाल्टी में डाल देंगे(तुमको नहीं ब्लैकबेरी को) तब जा के बंद होता था...

इस बार बहुत सारे अच्छे गिफ्ट्स भी मिले...और मेरा जो ये अच्छा सा सुइट देख रहे हैं न..सिल्क का है...कश्मीरी कढ़ाई वाला...कब से खरीद कर रखा था...खास मौके के लिए अगले दिन यही १० को सबको रात के खाने पर बुलाया था...पर X-men की The Class रिजीज हो गयी थी और दोपहर ढाई बजे का शो था...मन ललच गया...फिल्म देखने चले गए...आपको फुर्सत मिले आप भी देख डालिए...हमें बेहद पसंद आई. वापस आते लगभग साढ़े छह सात बज गए...अब मुसीबत आई...घर पर लगभग १० लोग आ रहे थे...और इतने लोगों का खाना बनाने का रिकोर्ड कुणाल के हिसाब से काफी ख़राब दिख रहा था...टेंशन के मारे हालत ख़राब. करें तो क्या करें...फिर सोचा की घर में फिर कभी डिनर कर लेंगे...चूँकि बर्थडे है तो बहार खा लेते हैं. यहाँ एक बड़ा अच्छा सा रेस्तौरांत है...लाजवाब...कुछ दो साल हुए होंगे उसे खुले हुए, तब से हम उसके एकदम रेगुलर कस्टमर हैं...हफ्ते दो हफ्ते में एक दिन तो चले ही जाते हैं. असल में बंगलोर में पहली बार कहीं अच्छा नोर्थ इंडियन खाना मिला था.


A different pose
कुणाल का कलिग है मोहित...कलिग क्या घर का मेंबर ही है...तो मोहित को रेस्तौरांत में सब सेटिंग करने का जिम्मा दिया गया(मुझे बाद में पता चला) ठीक पहुँचने के पहले हम थोडा टेंशन में आ गए की जगह मिलेगी की नहीं...तब मुझे पता चला कि कुणाल ने सब करवा रखा है. टेबल लगी हुयी थी...और फटाफट केक आया...पाईनएप्पल फ्लेवर...मेरा फेवरिट और फिर वहां पर हैप्पी बर्थडे वाला गाना बजा...हमको बहुत अच्छा लगा...बचपन में ऐसे मानता था बर्थडे. और खाना इतना अच्छा था कि महसूस हो रहा था कि खास प्यार से बनाया गया है. बारह के लगभग खा पी के हम चले सबको सबके घर पर डिपोजिट करते हुए, घूम घाम पर वापस घर.
और सबसे awesome था शनिवार...कुणाल ने खुद से मेरे लिए डिनर बनाया और इतना अच्छा बनाया कि बस प्लेट को खा जाने कि नौबत आने वाली थी.
ये वाला वीकेंड अभी तक के कुछ बेस्ट वीकेंड्स में था...बहुत से दोस्त, अच्छा खाना...अच्छा पीना...और अनगिनत गप्पें अनगिन कार ड्राइव्स. लगभग सभी दोस्तों का फोन आया...या फिर मेसेज या फिर फेसबुक...सबका तहे दिल से शुक्रिया. एक दोस्त कश्मीर में पोस्टेड है...आर्मी में...उसका फ़ोन एक दिन बाद आया...पर याद उसे भी था. तो इतने सारे अच्छे अच्छे लोगों कि दुआएं हैं...काफी अच्छा रहा सब कुछ.

इंग्लिश में एक शब्द है 'blessed ' यानि कि ऐसा जिसपर इश्वर कि कृपा हो...वैसा ही महसूस किया.

फुटनोट: just to prove the skeptics wrong कि लड़कियां अपनी उम्र छिपाती हैं...I turned on 28...and really happy to be so हाँ दिल की उम्र...तो दिल तो बच्चा है जी
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तरुवर फल नहि खात है, नदी न संचय नीर ।
परमारथ के कारनै, साधुन धरा शरीर ।।
विद्या ददाति विनयम, विनयात्यात पात्रताम ।
पात्रतात धनम आप्नोति, धनात धर्मः, ततः सुखम ।।

कभी कभी -->http://kadaachit.blogspot.in/
यहाँ मिलूँगा: https://www.facebook.com/jai.bhardwaj.754
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