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Old 02-01-2011, 11:19 PM   #15
amit_tiwari
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Default Re: A software engineer in Hell

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Originally Posted by neha View Post
मैं आपके विचारों से सहमत नहीं हूँ, आप सिक्के के एक ही पहलु को देख रहे है. इन्ही बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कारण आज भारत प्रगति के शिखर पर बढ रहा है. रोज़गार के नए अवसर पैदा हो रहे है. शायद आप किसी सरकारी नौकरी में है इसलिए इस तरह की राय रखते है.
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Originally Posted by Kumar Anil View Post
मैँने केवल उद्धृत कविता के सन्दर्भ मेँ एक सहज प्रतिक्रिया व्यक्त की थी । उस कविता के दर्द को बाँटने की कोशिश की थी । उसके अस्तित्व को एक पहलू के रूप मेँ आपके द्वारा भी स्वीकारा गया है ।हाँ दूसरा पक्ष हमारे देश की प्रगति के रूप मेँ भी मुझे स्वीकार्य है । प्रगति के फेर मेँ उस इँजीनियर के दर्द का उसके मानसिक संताप का क्या होगा , विचारणीय है ।
नेहा जी आपकी ये बात सही है कि सामान्यतया सरकारी नौकरी से जुड़े लोग MNCs की जॉब को बुरा मानते हैं किन्तु इस कविता विशेस के विषय में की गयी अनिल भाई की टिपण्णी मुझे अधिक सही लगती है | मैं स्वयं भी 25 का ही हूँ और दो साल दिल्ली में आईटी फील्ड में एक MNC में ही कार्य करने के बाद खुद का छोटा सा बिजनेस स्थापित कर पाया हूँ इसलिए मैं व्यक्तिगत अनुभव से कह सकता हूँ कि इस कविता में कही बातें अक्षरशः सही हैं |
amit_tiwari is offline   Reply With Quote