Re: लम्बी कहानी/ रक्तबीज
यह सुनकर मुझ पर तो जैसे वज्रपात हो गया, मेरी समस्त प्रसन्नता एवं जोश ग्रीष्म ऋतु की सूर्य की तीव्र-किरणों के सामने पड़ती ओस की बूँदों के समान भाप बनकर उड़ गये और मेरा गला सूखने लगा। फिर भी मैने साहस बटोर कर कहा, "मैं बिल नहीं हूँ और मैंने कोई अपराध भी नहीं किया है। आपको कोई भ्रम हुआ है।" इस पर उनमें से सीनियर सा दिखने वाला व्यक्ति बोला, "हम दोनों इंटरपोल से सम्बन्ध रखते हैं। मेरा नाम ऐल्बर्ट है। आपके नाम इंटरपोल का इंटरनेशनल वारंट है। आप बिल ही है जैसा कि आपको देखकर हमें शक था और जो आपके फिंगर-प्रिंट्*स के मिलान से साबित हो गया है।" मैंने उनसे अपने विषय में पुन: जानकारी करने का अनुरोध किया तो वे बोले, "मिस्टर बिल, आप पुलिस को पहले भी झाँसा दे चुके हैं। परन्तु इस बार आपकी पहचान के विषय में हमने अन्य जाँच की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है। आप को आगे जो भी कहना है, कोर्ट में कहियेगा।" वे मुझे वहाँ से कोर्ट ले गये जहाँ पर कोर्ट ने मेरे से सम्बन्धित प्रपत्र देखने के बाद मुझे न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।" पाँच दिन तक ठंडी जेल की यातना सहने के बाद मुझे बताया गया कि मेरी प्रभावशाली पत्नी फियोना ने मेरी जमानत तो करवा ली है परन्तु मेरे पूर्व आपराधिक रिकार्ड को देखते हुए फियोना को निर्देश दिया गया है कि मैं घर पर पूर्णत: नजरबंद रहूँगा और मुझे अपने वकील के अतिरिक्त किसी बाहरी व्यक्ति से किसी प्रकार का सम्पर्क करने की अनुमति नहीं होगी। इन आदेशों का पालन सुनिश्चित करने का पूर्ण उत्तरदायित्व फियोना पर होगा और अवज्ञा की दशा में उस पर एक अंतर्राष्ट्रीय जालसाज को फरार कराने में सहायता करने का आरोप लगाया जा सकता है। मेरे साथ पिछले पाँच दिन में घटी अनपेक्षित घटनाओं और जेल की यातनाओं ने मेरी संज्ञा को इतना कुंठित कर दिया था कि मैंने बिना कोई प्रतिवाद किये यह सूचना सुन ली।
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