Re: कन्फ्यूज्ड राजा, कन्फ्यूज्ड प्रजा
पर फिर एक दिन भैया ....मचा जो हल्ला ....आया आया ......दुश्मन आया .......और फिर जिसके हाथ जो लगा ...ले के दौड़ा .......डंडा लाठी ईंट पत्थर .........जो कुछ हाथ लगा ले के दौड़ पड़े लोग .....औरतें बेलन ले के पहुँच गयीं ....घुडसवार को घोड़ा न मिला तो गधे पे चढ़ के ही कूद पड़ा मैदान में .........देश भक्त जनता जो ठहरी .......अब पुब्लिक का जोश देख के दुश्मन की सिट्टी पिट्टी गुम....सो वो लौट गया उलटे पाँव ..........राजा को पता चला ......बड़ा खुश हुआ ...उसने कहा विजय पर्व मनाओ .........सो पब्लिक जश्न में डूब गयी ....लोगों ने गेहूं बेच के पटाखे खरीदे .....आतिश बाजी हुई सारी रात .........राजा फिर चला गया महल में relaxe करने .......जनता फिर busy हो गयी ...अपने अपने काम में ...अब तक busy है .........
तो भैया ये है स्टोरी अपने मुल्क की .......एक हैं चेतन भगत ...IIT से इंजीनियरिंग कर के .IIM से MBA करने चले गए .........फिर कुछ साल एक बैंक में बीमा और fixed deposit बेचते रहे लोगों को और अब उपन्यासकार हो गए है. बाकी उन जैसे कितने हैं देश में ये पता नहीं .............एक थे गौतम गोस्वामी ....MBBS, MD करके IAS हो गए और लगे पटना में DM बन के बाढ़ पीड़ितों की सेवा करने ....घोटाले में जेल गए और वहीं मर खप गए ............एक और दोस्त हैं हमारे ....MD डॉक्टर हैं .......पिछले बीस साल से इनकम टैक्स की कमिश्नरी कर रहे हैं ....और हम लोग यहाँ गाँव में झोला छाप डाक्टरों से इलाज करवा रहे हैं ......हम हिन्दुस्त्तानियो की खून पसीने की कमाई चूस के सरकार ये बड़े बड़े मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज चलाती है और डाक्टर साहब वहां अमेरिका में जा के मानवता की सेवा कर रहे हैं ..........हमारे एक और दोस्त हैं वो geology में MTech कर के एक राष्ट्रीयकृत बैंक में क्लर्की कर रहे हैं ...... और कई बार तो teacher sunday, monday की spelling नहीं जानता और teacher बन के बैठा है ......देश के नौनिहालों का भविष्य बना रहा है .........फ़ौज कहती है अच्छे अफसर नहीं मिल रहे ....quality से समझौता करना पड़ रहा है .....पद खाली पड़े हैं .........लड़का कहता है देश और फ़ौज गयी भाड़ में यहाँ तो सिर्फ मोटी तनख्वाह चाहिए ....... तो भैया बात ये है की मुझे ये समझ नहीं आ रहा की कौन confused है .......मैं confuse हूँ या ये लड़के confused है ....या फिर इनके employers confused है ........या सरकार confused है .....या हम सभी confused है .......और अपनी समझ में ये भी नहीं आ रहा की इसका उपाय क्या है .......अब आप ही बताओ ........अपन तो confused हैं ..........
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