श्याम लाज को भगा कर अहमदाबाद ले जाकर शादी करना चाहता और वो एक नादान लड़की की तरह तयार हो जाती है. लाज के घर में कुछ और चल रहा होता है. उसके पिता उसकी शादी अपने एक दोस्त के बताये हुए लड़के के साथ करना चाहते है. अगले दिन सुबह उनका लड़के से एअरपोर्ट पर मिलने का प्लान होता है. वो लाज को सुबह ५ बजे उठाने के लिए कह कर सो जाते है.
लाज भी प्यार में एकदम पागल हो चुकी होती है वो अपनी माँ का खुबसूरत मोतियों का हार लेकर श्याम के साथ भागने के लिए स्टेशन के लिए रात में ही चोरी छुपे निकल लेती है.