Re: आइये जाने ...........
दशहरा और रामनवमी पर्व को मनाए जाने के बहुत से कारण हैं। भारतीय पंचांग के अनुसार दशहरा अश्विन शुक्ल की दशवीं तिथि के दिन मनाया जाता है।
भगवान राम के जीवन चरित्र को मनुष्य जाति के लिए पे्ररणा स्त्रोत माना जाता है क्योंकि उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन सत्य और अपने वचनों के पालन के लिए न्यौछावर कर दिया था। दशहरे से नौ दिन पूर्व से भारत के सभी छोटे–बड़े नगरों में रामलीला एवं मेले का आयोजन किया जाता है जिसमें राम के संपूर्ण जीवन का मंचन किया जाता है। रामलीला का अंत दशहरे के साथ होता है। जिसमें रावण एवं मेघनाद के बड़े–बड़े पुतले जलाए जाते हैं।
भारत के उत्तर में हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से शहर कुल्लू में दशहरा तीन दिन तक मनाया जाता है। लोग आसपास के सभी शहरों के देवी–देवताओं की प्रतिमा अपने सिर पर लेकर गाजों–बाजों के साथ, कुल्लू में भगवान रघुनाथ के दरबार में एकत्रित होते हैं। बड़ा मेला लगता है और सात दिन तक पवित्र अग्नि जलाई जाती है।
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मैं क़तरा होकर भी तूफां से जंग लेता हूं ! मेरा बचना समंदर की जिम्मेदारी है !!
दुआ करो कि सलामत रहे मेरी हिम्मत ! यह एक चिराग कई आंधियों पर भारी है !!
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