"संता-बंता" कौन थे?
क्या आप जानते हैं कि "संता-बंता" कौन थे?
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--------------- --------------- - "संता-बंता" जिनके
जोक पढ़कर हम
और आप अक्सर हंसते हुए सिखों का,
सरदारों का मजाक उड़ाते हैं,
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क्या कभी ये जानने की कोशिश कि आखिर ये
दोनों कौन हैं?...
जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि हमारे देश
को बर्बाद करने में
गाँधी परिवार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। जून
1984 में इन्दिरा गांधी ने सिखों के धार्मिक स्थल
श्री हरमिंदर साहब (स्वर्ण
मंदिर, अमृतसर) पर हमले का आदेश
दिया था (ऑपरेशन ब्लूस्टार),
जिसमें सेना के जवानों सहित लगभग 2000 लोग मारे
गए थे।,
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इस ऑपरेशन के चार महीने बाद इंदिरा गाँधी के
ही दो अंगरक्षकों सरदार
सतवंत सिंह और सरदार बेअंत सिंह ने
घटना का प्रतिशोध लेते हुए अपने
हथियारों से उन पर हमला करके उनकी हत्या कर
दी थी।
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इंदिरा गाँधी का वध करने वाले इन
दो सरदारों को बेइज्जत करने के लिए
तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इनके उपर जोक बनाने
शुरु किये, जिसमें
सिक्खों का खूब मजाक उड़ाया जाने लगा। और
जिसका बेहूदा सिलसिला आज तक थमा नहीं है।
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बात संता बंता की नहीं,
बात पू्रे सिक्ख समुदाय की है। क्योंकि इन अभद्र
चुटकुलों के नाम पर
अपमान सिर्फ संता- बंता यानि "सतवंत सिंह" और
"बेअंत सिंह"
का नहीं पू्रे सिक्ख समुदाय का हो रहा है। ,
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यदि आप चाहते हैं कि हिन्दू
और सिक्खों के बीच भाईचारा बना रहे तो प्रण लें
कि आज के बाद
संता-बंता के अभद्र चुटकले, जिनसे हमारे सिख
भाइयों का मान
घटता हो, मजाक बनता हो, का सम्पूर्ण बहिष्कार
करेंगे।
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