Re: शाकाहार या मांसाहार?
युवराज जी !
चूँकि बात भारतीयोँ के मध्य हो रही थी इसलिये मसालोँ की बात भी भारतीय सन्दर्भ मेँ ही की गयी और जिसके बाबत विद्रोही जी ने मेरा पक्ष रख दिया है । विद्रोही जी द्वारा वेदना को मक्खी निगलने से कोरिलेट करने पर आपकी असहमति से मैँ स्वयं सहमत हूँ । माँसाहारियोँ मेँ भी संवेदनायेँ होती है । यदि उनके समक्ष जीवित पशु को कत्ल किया जाये तो शायद उनका करुण क्रन्दन आधे से अधिक लोगोँ को माँसाहार छोड़ने पर विवश कर दे जैसाकि मेरे साथ पूर्व मेँ घटित हो चुका है । हाँ एक बात और कहना चाहूँगा कि माँसाहार के उपरान्त हैवीनेस के कारण मैँ सहज नहीँ महसूस करता जैसा कि शाकाहार मेँ शांतचित्त , सामान्य रहता हूँ । यही असहजता इसके असामान्य होने का द्योतक है । इसके बावजूद मेरी स्वाद ग्रन्थियाँ माँसाहार के लिये मुझे उकसाती हैँ ।
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दूसरोँ को ख़ुशी देकर अपने लिये ख़ुशी खरीद लो ।
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